बाबा महाकाल की सवारी: आस्था और उल्लास का संगम

श्रावण मास की विशेषता

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17 Jul '24
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श्रावण सोमवार और बाबा महाकाल की सवारी: आस्था और उल्लास का संगम
श्रावण मास हिन्दू पंचांग का पांचवां महीना होता है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इस मास में विशेष रूप से सोमवार का दिन बहुत ही पवित्र और शुभ माना जाता है। श्रावण सोमवार के दिन भक्त गण उपवास रखते हैं, भगवान शिव की पूजा करते हैं और जलाभिषेक करते हैं। उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, और श्रावण मास में यहाँ विशेष धूमधाम होती है।

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श्रावण मास की विशेषता
श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना और व्रत का विशेष महत्व है। इस मास में शिव भक्त व्रत रखते हैं और भगवान शिव के मंदिरों में जाकर जलाभिषेक करते हैं। शिव जी भक्तों की मनोकामनाए पूरी करते है | श्रावण मास में रामयण पाठ करने से बाबा आशुतोष भगवान शिव जी की कृपा बनी रहती है |
बाबा महाकाल की सवारी
उज्जैन में श्रावण मास के दौरान बाबा महाकाल की विशेष सवारी निकाली जाती है। यह सवारी हर सोमवार को निकाली जाती है और इस दौरान भगवान महाकाल को नगर भ्रमण पर ले जाया जाता है। इस सवारी का विशेष महत्व है और इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।
श्रावण सोमवार की सवारी एक भव्य और दिव्य अनुभव होती है। इसमें महाकालेश्वर मंदिर से भगवान महाकाल की प्रतिमा को पालकी में सजाकर नगर के विभिन्न मार्गों से होकर निकाला जाता है। इस दौरान भक्तगण भजन-कीर्तन करते हुए, नृत्य करते हुए और जयकारे लगाते हुए इस सवारी में शामिल होते हैं।
सवारी के आयोजन और प्रक्रिया
सवारी का आयोजन उज्जैन प्रशासन द्वारा बहुत ही भव्य तरीके से किया जाता है। सवारी के मार्ग को सजाया जाता है और पूरे रास्ते में भजन-कीर्तन की गूंज होती है। श्रद्धालु पूरे उत्साह के साथ इस सवारी में भाग लेते हैं और भगवान महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
इस सवारी के दौरान विशेष रूप से महाकाल मंदिर के पुजारी भगवान महाकाल की प्रतिमा को पालकी में रखकर मंदिर से बाहर लाते हैं। यह सवारी नगर के विभिन्न प्रमुख स्थानों से होकर गुजरती है और इस दौरान भक्तगण भगवान शिव की आराधना और भजन-कीर्तन करते हैं।
श्रावण सोमवार के व्रत और पूजा विधि
श्रावण सोमवार के दिन भक्त गण व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं। व्रत रखने वाले लोग प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं और भगवान शिव के मंदिर में जाकर जल, दूध, दही, घी, शहद और बेलपत्र अर्पित करते हैं। इसके साथ ही, शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं और भगवान शिव का ध्यान करते हैं।
व्रत के दौरान भक्तगण एक समय फलाहार करते हैं और भगवान शिव की कथा सुनते हैं। इस दिन रात्रि जागरण भी किया जाता है और भगवान शिव के भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि श्रावण सोमवार के व्रत और पूजा से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

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महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का  
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन में स्थित है और यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह स्थान अत्यंत पवित्र और धार्मिक महत्व का है। यहां भगवान शिव के भक्तों की अपार भीड़ होती है और श्रावण मास के दौरान यहां का माहौल भक्तिमय हो जाता है।
महाकालेश्वर मंदिर का विशेष महत्व है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। श्रावण मास में यहां की रौनक और भी बढ़ जाती है।

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श्रावण सोमवार और बाबा महाकाल की सवारी एक अद्भुत धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। इस दौरान श्रद्धालुओं का उत्साह और भक्ति देखते ही बनती है। भगवान शिव की आराधना और बाबा महाकाल की सवारी में शामिल होकर भक्तगण अपने जीवन को धन्य मानते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। श्रावण मास में उज्जैन में आयोजित होने वाली यह सवारी एक अनुपम धार्मिक उत्सव है, जो आस्था और उल्लास का अद्वितीय संगम प्रस्तुत करती है।

कैटेगरी:त्योहार



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इसके लेखक हैं Raghuvir Singh Panwar

लेखक सम्पादत साप्ताहिक समाचार थीम

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