कौन कहता हैं ,
तुम हार जाओगे,
अरे हारी बाजी भी
तुम जीत जाओगे !
ख़ुद को ये बता दो,
जूनून को जगा दो,
ख़ुद का तेवर दिखा दो,
आईना हो सूरज को बता दो !
शिक्षा दान हमारा लक्ष्य हैं,
इसी राह के हम राही सभ्य हैं,
राही कोई भी हो एक ही लक्ष्य हैं,
हर कहीं उमंग डालने में दक्ष हैं !
हो कहीं भी लोग मुस्काते हैं,
अलख जो हम जगाते हैं,
शिक्षक जो हम कहलाते हैं,
शिक्षा दान हमारा लक्ष्य हैं !
कोई परिभाषित करें या ना करें,
अपना तो लक्ष्य अटल हैं
हर वर्ग हर तबके में अलख जगाना हैं,
शिक्षा का अलख हर ओर जगाना हैं
ना कोई भूखा रहे,
कौन कहता हैं ,
तुम हार जाओगे,
अरे हारी बाजी भी
तुम जीत जाओगे !
ख़ुद को ये बता दो,
जूनून को जगा दो,
ख़ुद का तेवर दिखा दो,
आईना हो सूरज को बता दो !
शिक्षा दान हमारा लक्ष्य हैं,
इसी राह के हम राही सभ्य हैं,
राही कोई भी हो एक ही लक्ष्य हैं,
हर कहीं उमंग डालने में दक्ष हैं !
हो कहीं भी लोग मुस्काते हैं,
अलख जो हम जगाते हैं,
शिक्षक जो हम कहलाते हैं,
शिक्षा दान हमारा लक्ष्य हैं !
कोई परिभाषित करें या ना करें,
अपना तो लक्ष्य अटल हैं
हर वर्ग हर तबके में अलख जगाना हैं,
शिक्षा का अलख हर ओर जगाना हैं !
ना कोई भूखा रहे,
ना रहे कोई वंचित,
अपने अधिकार का आभास कराना हैं,
हर किसी को जगाना हैं !
ना हार मानना न थकना हैं,
शिक्षा परमदान हैं,
शिक्षक ही शिक्षा का विमान हैं
बहुत दूर जाना यही मेरा विधान हैं !
अपने अधिकार का आभास कराना हैं,
हर किसी को जगाना हैं
ना हार मानना न थकना हैं,
शिक्षा परमदान हैं,
शिक्षक ही शिक्षा का विमान हैं
बहुत दूर जाना यही मेरा विधान हैं !
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