🙏🙏आपने तो काल को जीत लिया है🙏
महाराज युधिष्ठिर का नियम था कि वे प्रतिदिन प्रातः कालीन क्रियाओं को करने के बाद ब्राह्मणों को दान दिया करते थे ।
एक बार युधिष्ठिर को कहीं जाने की जल्दी थी,सो उन्होंने भिक्षा लेने आये ब्राह्मण से कह दिया,कल आना,आज मुझे कहीं जाना है,यह कहकर युधिष्ठिर चले गए और वह ब्राह्मण भी चला गया।
वहीं पर भीम खड़े थे, उन्होंने महाराज युधिष्ठिर की कही बात सुन ली थी। भीम ने तुरंत प्रधानमंत्री को बुलाया और नगर को सजाने का आदेश दिया साथ में
नगरवासियों कोे उत्सव मनाने के लिए प्रधानमंत्री को आदेशित किया ।
दोपहर बाद युधिष्ठिर आए तो उन्होंने देखा कि नगर सजाया जा रहा है और नगर वासी रंग बिरंगे कपड़े पहन,तरह तरह की खुशियां मना रहे हैं। युधिष्ठिर सोचने लगे,आज तो कोई त्योहार है नहीं फिर ये उत्सव किसलिए? उन्होंने किसी से उत्सव का कारण पूछ लिया तो उत्तर मिला कि प्रधानमंत्री का आदेश है। प्रधानमंत्री को बुलाया गया तो प्रधानमंत्री ने कहा कि भीम का आदेश है।
तब युधिष्ठिर ने भीम को बुलाकर पूछा,भीम!आज कोई त्यौहार नहीं, कोई खुशी का मौका नहीं फिर यह उत्सव किसलिए?।
भीम ने कहा,भइया!आज सबसे बड़ा खुशी का दिन है। आपने काल को जीत लिया है। युधिष्ठिर ने कहा, मैं समझा नहीं,भला मैंने काल को कैसे जीत लिया?भीम ने कहा,सुबह आपने एक भिक्षुक ब्राह्मण से कल आने के लिए कहा था । इसका मतलब मैंने यही निकाला कि आपको कल तक जीवित रहने का पूरा विश्वास था,तो भइया ने काल को जीत लिया है और जो काल पर विजय पा ले, उससे ज्यादा और खुशी की क्या बात होगी?
युधिष्ठिर बोले,शरीर से तो तू बहुत मोटा है पर अक्ल तेरी बड़ी पतली है। मैंने महान अज्ञानता का कार्य किया है।उस ब्राह्मण को अभी बुलाया जाए ताकि अभी का अभी कर्तव्य का पालन हो सके । तूने सच कहा,इस दुनिया में पल का भी पता नहीं।।
काल करे सो आज कर,आज करे सो अब।
पल में परलय होयगी,बहुरि करेगो कब।। 🙏🙏जय श्री राधे कृष्ण🙏🙏
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