ऑफिस तो तुम्हें आना ही होगा ।

ऑफिस तो तुम्हें आना ही होगा ।

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23 Jul '24
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तो शिवेश ने बोला !"  ठीक है उसका ध्यान रखिएगा !

 

 

और फिर कल को कट कर दिया ! शिवेश की बातों को सुनकर शैली भी को शक होने लगा था । 

 

 

उसने सूर्य से पूछना चाहा ! लेकिन उस वक्त सूर्या गहरी नींद में हो चुकी थी !    पर शैली उसे जगाना नहीं चाहती थी ।

 

 

इसलिए उसने कुछ नहीं बोला वह भी चुप चाप  ही  बैठी हुई थी ! तभी सुमन जी वहां आ गई !  और बोली शैली चलो बेटा खाना खा लो आप दोनों लेकिन सूर्या तो  सो गई  है ! अभी उसे उठाना सही नहीं  होगा । तो शैली ने बोला !"  आंटी ठीक है !  मैं अभी आती हूं !  पर इसे सोने दीजिए ! थोड़ी देर सो लेगी तो शायद इसका इसकी तबीयत सही हो जाएगी । 

 

 

आखिर हुआ क्या था ऑफिस में । जो दोनो ही बोल नही रहे थे ! पर हर्ट तो दोनो ही हुए थे ।

 

 

अगला दिन सुबह का वक्त 

शिवेश का हॉस्टल

 

 

सब लोग उठ गए थे ! शिवेश भी उठ गया था !  लेकिन अभी हमारे अदवय बाबा सो ही रहे थे । 

 

 

जनाब की सुबह अभी  हुई नहीं थी ! तभी अचानक से शिवेश  के रूम पर कोई आ गया । 

और उसके रूम का दरवाजा खटखटाने लगा !  तभी शिवेश ने रूम का दरवाजा खोला ! तो वहां एक  कोरियर बॉय खड़ा था !   जिसके हाथ में एक एनवलप वाला था । 

 

 

जिसमें शिवेश के लिए कोई लेटर था ।  तब शिवेश ने उस कुरियर बॉय से वह एनिमल आप रिसीव कर लिया !  और फिर जाकर अद्वय को उठाने लगा । 

लेकिन अदवय उठ नहीं रहा था ! उसे अभी भी से भी रात के  ड्रिंक के वजह से नशे में था ।

 

 

और अभी भी उसकी आंखें खुल नहीं रही थी ! 

लेकिन तभी शिवेश  ने उसके मुंह पर ग्लास का पूरा पानी फेंक दिया !  और जिसकी वजह से वो  गुस्से में ही उठ गया । 

और फिर शिवेश पर चिल्लाते हुए बोला !"  तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे ऊपर पानी पानी फेंकने की !" 

 

 

शिवेश ने  जवाब दिया !"  तो क्या कल कॉलेज जाना है !  जनाब 9:00 बज रहे हैं ! कब उठोगे तुम्हारा घर नहीं मेरा हॉस्टल है ये । 

यहां सब लोग उठ गये  है !  यार अभी तक बस तू ही सोया है ।" 

"सोने दे ना वैसे ही मेरा सर बहुत दुख रहा है ! तब शिवेश में मुस्कुराते हुए बोला !"  हां और करो ड्रिंक रात को मना कर रहा था !  तब तो तुझे ड्रिंक करनी थी !

 

 

  तो और करो में चलो कॉलेज वैसे भी आज शुक्ला जी व्हाट लगने वाले  हैं तेरी चलेगा अगर आज लेट हुआ ना फिर ग्राउंड में ही सबके सामने पेश करेंगे !

 

 

सोच ले ले कॉलेज तेरे पापा का है ! इसका मतलब यह थोड़ी है ! पढ़ाई भी तेरे पापा के मर्जी से होगी !  चल जल्दी तैयार हो !" इतना बोल के शिवेश अपने रूम से बाहर निकाल और फिर वहां से मार्केट की तरफ जाने लगा ।

 

 

अदवय के लिए कुछ खाने के लिए लेने जब तक शिवेश रूम पर वापस आया !  तब तक अदवय उठ चुका था !  लेकिन अभी भी वही बिस्तर पर ही बैठा हुआ था !  अपना सर पकड़ के ।

 

 

जब शिवेश ने अदवय को अपना सर पकड़ कर बैठा दिखा !  तो उसके लिए तुरंत ही नींबू पानी लेकर आया !

 

 

और उसे पीने को बोला लेकिन अदवय कुछ भी नहीं रिएक्ट किया !  वह चुपचाप अपने सर को पकड़ कर बैठा हुआ था । 

 

 

तभी शिवेश ने उसे डांटे हुए बोला !"  तू पिएगा या मैं जबर्दस्ती पिलाऊ  ! जल्दी पी और कॉलेज भी जल्दी जाना है जल्दी वैसे  ही लेट हो गए हैं हम !" तभी अद्वय बोला !"  अच्छा ठीक है जा रहा हूं !" 

 

 

और फिर इतना बोलकर अदवय वो नींबू पानी पिया और वॉशरूम की तरफ चल गया !  कुछ देर बाद अदवय वॉशरूम से बाहर आया !  तो वो  थोड़ा फ्रेश फील कर रहा था । 

और फिर दोनो फटाफट तैयार हो कर दोनों ने नाश्ता किया और फिर वहां से कॉलेज के लिए तुरंत ही निकल गए थे । 

 

 

इधर सूर्या भी आज  जल्दी उठ के अपना सारा काम फटाफट कर ली थी । 

और फिर कॉलेज के लिए ही तैयार होने लगी थी !  तभी शैली वॉशरूम से निकली और बोली !"  यार आज क्या हो गया ! तुझे तू इतनी जल्दी कैसे उठ गई !  और तेरी तबीयत तो ठीक है ना !" 

 

 

तब सूर्य बोली !"  हां ठीक हूं ! मैं अभी कॉलेज चलना और अब शुक्ला जी का प्रोजेक्ट भी तो देना है ! कल तो देखा ना तूने कैसे ड्रामा किया था ! उन्होंने आज ऐसा कुछ ना हो शिव जी प्लीज ऐसा कुछ मत होने देना । "

 

 

तभी शैली बोली !" डॉन'टी वरी कुछ नहीं होगा ! और वैसे भी कल तेरा मूड पहले से ही खराब था ! इसीलिए ऐसा हुआ ।" 

“लेकिन तू मुझे यह बता पहले कल ऑफिस में क्या हुआ था !  एक तो तू कुछ बात ही नहीं ऊपर से वह अदवय भी पूरे नशे में घर लौटा था !”

 

 

"वह भी बहुत ही बुरी हालत में !" तब सूर्य ने शैली से पूछा !" तुम्हें कहां से पता कि अदवय कहां और कैसे पहुंचा !" 

तभी शैली  ने वो !"  अरे वो वो शिवेश जी का फोन आया था !  तेरे फोन पर तो तू सो रही थी ! और दो-तीन रिंग हुआ ! इसलिए मैंने उठा लिया । "

 

 

"तो उन्होंने बोला !"  उन्होंने पूछा पहले की सूर्य ठीक है ! कुछ हुआ था ! कुछ बताइए वह मैंने पूछा क्यों क्या हुआ ! उन्होंने बताया  अद्वय के बारे में ! "

 

 

तब वो दानों ने सारा काम कर के और फिर कॉलेज के लिए रेडी हो के अपने कमरे से बाहर निकल गई । 

 

 

इधर सुमन जी भी अपना सारा काम  फिनिश करके उन दोनों का नाश्ता लगा रही थी !  कि तभी दोनों किचन के पास ही आ गई ।

तभी सूर्या बोली !" जल्दी  नाश्ता दो मां लेट हो रहा है !  कॉलेज के लिए तब सुमन जी किचन से ही बोली !"  हां बस 2 मिनट रुकना ला रही हूं !"

और फिर तुरंत ही सुमन जी नाश्ता लेकर आ गई  ! उधर सूर्या और शैली चुपचाप ही नाश्ता कर ही रही थी ! की तभी सुमन जी शैली से इशारे में ही पूछी ! "  कुछ बताई क्या हुआ था ! कल तो शैली ने ना में सिर हिलाते हुए बोला  !

 

 

" अरे सूर्या कल तेरी तबीयत कैसे खराब हो गई थी !  तूने कुछ बताया भी नहीं और सो भी गई थी ! क्या बात है ! आज भी तो कुछ बोल नहीं रही है ! सब ठीक तो है !  ना ।" 

 

 

तब सूर्या बोली !" हां यार सब ठीक है ! बस थोड़ा सर भारी भारी था !  इसलिए सो गए थे ।

और अभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं है ! सुमन जी ने बोला !"  कॉलेज क्यों जा रही हो रहने दे ना वैसे  आज 1 दिन में क्या हो जाएगा ।" 

तब सूर्य हड़बढ़ाते हुए बोली !"  नहीं मां आज तो जाना बहुत ही जरूरी है ! आज शुक्ला सर हमारा प्रोजेक्ट चेक करने वाले हैं !

और वैसे भी कल उनसे इसी पर बहस हो गई थी !  आज तो प्रोजेक्ट दे दो नहीं तो फिर बाद में फालतू का खीटखीट करेंगे !  और उनकी डाट भी सुन पड़ेगी । "

 

 

"इससे अच्छा तो होगा कि आज ही दे दो अगर दिक्कत महसूस होगी तो मैं घर वापस आ जाऊंगी !  आप टेंशन ना लो इतना बोल कर दोनों ने नाश्ता फिनिश किया ! और फिर वहां से कॉलेज के लिए निकल गई । 

 

 

जैसे ही दोनों कॉलेज पहुंची ! तो वहां ग्राउंड में ही अदवय और शिवेश अपनी कार पर ही बैठे मिल गए ।

 

 

लेकिन सूर्या ने उनकी तरफ देखा तक नहीं इंपैक्ट उन्हें इग्नोर कर वहां से अपने क्लासरूम की तरफ जाने लगी !  तभी अदवय ने उसे रोका और बोला ! 

 

 

"वह मिस एटीट्यूड कहां चली !  लेकिन सूर्या कुछ नहीं बोली वह चुपचाप अपनी क्लास रूम की तरफ चली गई । 

 

 

थोड़ी ही देर में वहां शुक्ला सर भी आगे और उन्होंने फिर से प्रोजेक्ट चेक करने लगे ! सूर्या  ने जब अपना प्रोजेक्ट दिया ! 

 

 

तो उन्होंने बहुत ही ध्यान से उसका प्रोजेक्ट चेक किया !  लेकिन एक एक  पॉइंट एक हेडिंग सब कुछ बहुत ही क्लीयरली देखा ! 

 

 

लेकिन बाकी उनका उतना ध्यान नहीं दिया लेकिन जब वह अदवय से उसका प्रोजेक्ट फाइल मांगे तो वह कुछ देर तक सोता रहा ! फिर बोला ! सर वो तो मैं कल ही दे दिया था ।

 

 

लेकिन  शुक्ला जी फिर से बोल कहां तुमने कहां दिया था ! चलो अभी फाइल लेकर आओ फटाफट लेकिन अद्वय के पास तो फाइल थी !  नहीं फिर वह देता कहां से तब शुक्ला जी ने उसे फिर से क्लास से बाहर जाने को बोल दिया ।

 

 

लेकिन अगर अभी भी वहीं खड़ा था ! और अड़ा हुआ था ! कि तभी उसने अपने तभी शीवेश ने उसे एक फाइल पकड़े और बोला यह दे सर को तेरी फाइल है !  जो कि मेरे पास थी ।" 

जब अद्वय ने शुक्ला सर को फाइल दी उसे वक्त तो उन्होंने फाइल ले ली लेकिन फिर उन्होंने अद्वय को क्लासरूम से बाहर जाने को बोल दिया । 

 

 

लेकिन अदवय अभी भी वहीं खड़ा था !  तब शुक्ला जी ने उसे फिर से बोला !"  तुम्हें अभी सुनाई नहीं दिया ! मैंने तुम्हें बाहर जाने को बोला ना । 

 

 

लेकिन अदवय अभी भी वहीं खड़ा था !  जब फिर से शुक्ला जी ने उसकी तरफ देखा तो उसने बोला सर मैंने अपनी फाइल दे दी है !" 

 

 

और अब मैं इसी क्लासरूम में ही रहूंगा !  मैं कहीं भी नहीं जाऊंगा !  बोलकर अपनी सीट पर ही बैठ गया ! शुक्ला जी ने भी उसकी बातों पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया और फिर वह पढ़ने लगे । 

 

 

लेकिन थोड़ी ही देर में क्लास खत्म हो गई ! 

सभी लोग क्लास से बाहर जाने लगे लेकिन सूर्या   अभी भी अपनी सीट पर ही बैठी थी ! तभी शैली ने  सूर्या से बोली  !" चल यार बाहर चलते हैं यहां बैठने का कोई फायदा नहीं है । 

 

 

और फिर यही अदवय और शिवेश भी क्लासरूम में ही अभी बैठे थे । उन्हें जब जब सूर्य ने दोनों को वहां बैठा देखा !  तो वह भी बाहर जाने लगी । 

लेकिन तभी अद्वय ने उसे फिर से रोक लिया ! और बोला " तुम्हें बार-बार बुला रहा हूं सुनाई नहीं दे रहा है ! आज हमे ऑफिस अभी जाना है ! 

 

 

तब सूर्य ने बोला !"  मुझे कहीं नहीं जाना है ! मैं नहीं जाऊंगी उसे ऑफिस !"  तब अदवय ने उसे बोला  !" क्यों कॉन्ट्रैक्ट भूल गई क्या या मैं फिर से याद दिलाओ या कल की बातें भूल गई ! 

 

 

तब सूर्य उसकी तरफ घूरते हुए देखी !  और बोली "  तुम्हारे जैसा खटिया इंसान मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखा तो मेरे सामने से इतना !  सुन सूर्य के मुंह से इतना सुनते ही अदवय गुस्से से लाल हो गया ।

 

 

और सूर्य को के शोल्डर को अपने दोनों हाथों से कस के पकड़ लिया ! और बोला !" तुम समझती क्या हो खुद को हां असिस्टेंट हो और असिस्टेंट बन के रहो और हां ऑफिस तो तुम्हें आना ही होगा वरना 10 लाख अकाउंट में ट्रांसफर करवा देना ! "

 

 

तब सूर्य उसे शौक होकर देखने लगी ! और बोली !"  क्या मैं क्यों दूं तुम्हें पैसे तब अद्वय हंसते हुए बोला !"  कॉन्ट्रैक्ट याद है मैं आपको मिस एटीट्यूड तब सूर्या को याद आया ! कि जब उसे यहां अप्वॉइंट किया गया था ।

 

 

तो उसने एक कॉन्ट्रैक्ट भी साइन करवाया गया था ! जिसमें जब अगर वह खुद छोड़ती है वह तो उसे 10 लख रुपए हर जाना भरना होगा !

लेकिन उसे वक्त सूर्या अद्वय को धक्का देकर वहां से चली जाती है ! और फिर कुछ देर बाद ऑफिस का भी टाइम होने लगा  था ।

 

 

लेकिन सूर्य का मन बिल्कुल भी नहीं था । ऑफिस जाने का पर उसे जाना तो पड़ेगा ।

 

 

इधर  बार-बार उसकी तरफ देख रहा था !  घूरते हुए !  और जब भी वह जब भी सूर्य उसकी तरफ देखती तो वह हल्की सी देते हुए ! 

सूर्या को देखता और उसे इशारे में ही कुछ बोलता क्या हुआ था क्या बोल रहा था ! 

अदवय क्या बोल रहा था !  अद्वय क्या बोल रहा था अद्वय जो कि सिर्फ सूर्या को ही समझ पा  रही थी ।

और जब भी सूर्या अदवय की तरफ देख रही थी ! तो वह इतना घबरा क्यों जा रही थी ! 

 

 

To be continue ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️

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Written by Deepanjali Singh

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