तभी अदवय उस प्यून से सूर्या के जाने के बारे में पूछा । तो वो प्यून डरते हुए बोला ।
“हा सर वो सूर्या मैडम ने बताया की उनकी तबियत खराब हो गई थी ! इसीलिए वो चली गई ।”
उस वक्त अदवय कुछ बोला तो नही । लेकिन अदवय बहोत ज्यादा गुस्से में था ।
इधर सूर्या जब ऑफिस से घर पहुंची । तो उस जल्दी घर आते देख सुमन जी नोर्मली सूर्या से पूछती हैं ।" क्या हुआ, आज तू इतनी जल्दी आ गई ।"
लेकिन सूर्या कोई जबाब नहीं दी । और सीधे अपने रूम के तरफ चली गई ।
लेकिन तब सुमन जी को लगा ! की कोई बात है ! जो सूर्या नहीं बता रही है । तभी शैली भी वहा आ गई ।
तब सुमन जी शैली से पूछी ।"क्या ? हुआ है ! सूर्या आज अभी आ गई है ।"
तभी शैली हस्ते हुए बोलती है । “अरे ! आन्टी आप टेंशन ना लो मैं देखती हूं ।”
फिर शैली भी सूर्या के रूम की तरफ जाने लगी ।
इधर सूर्या जैसे ही अपने रूम में आई ! तो आते ही रूम का दरवाज़ा बंद कर दी ! और तुरंत ही वॉशरूम में चली गई ! और फिर शॉवर ऑन कर के उसके नीचे खड़ी हो गई !
और रोते –रोते अपनी बॉडी को धुलने लगी !और अपने फेस को भी रगड़ने लगी थी ।
इतने में ही शैली सूर्या के रूम का दरवाजा खटखटाने लगी । लेकिन सूर्या को कुछ भी सुनाई नही दे रहा था ।
फिर थोड़ी देर बाद जब सूर्या वॉशरूम से बाहर आई ! तो दरवाज़े के बाहर से शैली की आवाज़ आ रही थी ! जिसे सुन के सूर्या दरवाजे की तरफ देखने लगी थी ।
तो सूर्या जल्दी से अपने फेस को सही कर के दरवाज़े को खोलने लगी ।
सूर्या जैसे ही दरवाजा खोली ! तो देखी की शैली बहुत ही परेशान हो के वहा खड़ी थी ! शैली उससे तुरंत ही गुस्से से पूछी । “क्या कर रही थी ! मैं कबसे दरवाज़ा खटखटा रही हूं, और तुझे बुला रही हूं ; सुनाई नही दे रहा था ! तुझे हा बोल ।”
तब सूर्या शैली को शांत करते हुए बोली । “अरे मेरी जान आराम से मैं वॉशरूम में थी ! इसीलिए नहीं सुनाई दे रहा था ! लेकिन हुआ क्या है तूझे इतनी क्या इमरजेंसी थी ।”
जो तू आते ही वॉशरूम में घुस गई ! " उस वक्त सूर्या बस चुप चाप शैली का फेस देख रही थी ।
तब शैली नॉर्मल आवाज़ में बोली ।"हां वो मैं जब आई तो आंटी ने बताया की तू बहोत उदास थी ! जब तू ऑफिस से आई ।"
तब सूर्या हड़बड़ाते हुए बोली !
"हा तो क्या हुआ, वो मेरी तबियत थोड़ी खराब सी हो गई थी ! इसलिए जल्दी आ गई, अब क्या मैं घर पे भी जल्दी आ भी नहीं सकती ।"
तभी वहा सुमन जी आ गई । और सूर्या को शैली से ऐसे बोलते देखी ! तो उन्हे विश्वास हो गया था ।
और वो अपने मन में ही बड़बड़ाती है !" की कोई बात तो जरूर जो सूर्या बताना नहीं चाहती है ।"
कोई बात नहीं, मैं बाद में उससे पूछ लुंगी ।
फिर सुमन जी वहा से किचन की तरफ चली गई थी ।
लेकिन सूर्या को अभी भी दर्द हो रहा था ! लेकिन सूर्या किसी से भी कुछ कह नहीं पा रही थी ! वो चुप चाप अपने बिस्तर पे जाके सो गई ।
फिर शैली भी सूर्या को कुछ नही बोली ! और वो भी फ्रेस होके पड़ने लगी थी ।
उधर अदवय सिंह सूर्यवंशी भी गुस्से में ही ऑफिस से घर के लिए निकल गया था ।
लेकिन वो उस वक्त अपने घर ना जा कर बल्कि अपनी दोस्त शिवेश के रूम पे चला गया ।
शिवेश के रूम पे जाते समय ही उसने एक बीयर बार से कई सारी बीयर ले ली थी ।
और फिर वो एक बीयर की बॉटल को ओपन कर के उसे पीने भी लगा था ।
जब वो शिवेश के रूम पे पहुंचा तो उसने की शिवेश ग्राउंड में हो खड़े होके अदवय का वेट कर रहा था ।
जब अदवय वहा पहुंचा तो अदवय पहले से ही नशे में था ।
तब शिवेश उसे अपने साथ लेकर अपने रूम में चला गया ! लेकिन अदवय अभी भी ड्रिंक करी रहा था ।
तब शिवेश ने उसे फिर से मना किया । लेकिन वह मानने को तैयार ही नहीं था ! और वह बार-बार ड्रिंक किए जा रहा ।
और बार-बार एक ही बात रटे जा रहा था ! “उसकी हिम्मत कैसे हुई ! मुझे धक्का देने की , वो समझती क्या है ! हां खुद को असिस्टेंट है तो असिस्टेंट की तरह रहना चाहिए । ”
“उसका फर्ज मेरी हर बात को मानने का ।”
“लेकिन वह तो हमेशा अपनी मन मानी करती रहती है ! और जो भी उसे सही लगता है !”
बस वही करती है ! अब क्या ऑफिस भी उसके हिसाब से चलेगा ।"
अब क्या ऑफिस का हर मेंबर उसके हिसाब से काम करेगा ! और वह है ! क्या जो सब उसकी बात मानेंगे । "
"बॉस मैं हूं ! वो नहीं जो उसकी हर बात मैं मानू !"
तभी शिवेश ने बोला !" तू बताया हुआ क्या है ! तूने आज फिर से इतना ड्रिंक क्यों किया ! मैंने मना किया था ! ना ।"
लेकिन अदवय शिवेश की बातों को इग्नोर करते हुए ! बस एक ही बात बोले जा रहा था ।
“उसकी हिम्मत कैसे हुई ! ऐसा करने का समझती क्या है ! वो खुद को ! जो मन करेगा वो करेगी वो ! ”
"नहीं करने दूंगा कुछ भी उसे उसके मन का । जब भी वो अपने मन का करेगी ! तो उसके साथ ही करूंगा ! बार-बार करूंगा ! अगर कोई भी गलती करेगी ऐसे ही उसे सजा मिलती रहेगी । "
“और कितना भागेगी मुझसे ! जब भी कुछ भी ऐसा करेगी या मेरी बात को नहीं मानेगी ! तो उसे ऐसी ही सजा मिलती रहेगी ! समझती क्या है वो खुद को ! हां ।”
तब शिवेश अदवय को अपने पास बिठाते हुए ! बोला " तू पहले तो ये बताया मुझे हुआ क्या है ! और जो भी हुआ है ! तुम मुझसे बोल सकता था ।
ये ड्रिंक करने की क्या जरूरत थी ! तुझे पता भी है ! तू कहां पर है ! और किसके साथ है ! और तू ये बता तू किसे सजा देने की बात कर रहा है । "
“ उसे जो तेरी हर कदम पर मदद करती है ! जो तुझे हर तरह से समझती है ! और उसने कुछ मना किया और आज ऐसा क्या करके आया है ! तू तो उसके साथ बतायेगा । ”
लेकिन अदवय को सिर्फ उसकी बातों का कोई असर नहीं पड़ रहा था ! वह बार-बार ड्रिंक कर रहा था ।
तभी शिवेश ने उसकी ड्रिंक की सारी बोतल खिड़की से बाहर फेंक दी ! जिसे देख ! वो और भी गुस्से में आ गया !
और फिर शिवेश को भी बहुत ही गुस्से में बोला !" तू मेरा दोस्त है ! या उसका और वह समझती क्या है ! खुद को ! की वो जो चाहेगी !
वह करेगी नहीं करने दूंगा कभी नहीं करने दूंगा तब शिवेश ने फिर से पूछा !" तो किसकी बात कर रहा है ! तब अद्वय ने बोला !" वही मिस एटीट्यूड सूर्या सिंह भारद्वाज जो की मेरी असिस्टेंट है !
जिसे खुद mr. Suryawanshi ने मेरा असिस्टेंट बनाकर भेजा है ! मेरे साथ रह कर मुझे परेशान करने के लिए ।"
" वो हर वक्त बस मुझे गुस्सा दिलाने का नया तरीका ढूंढती रहती है ! लेकिन वह किसके साथ है ! तब से शिवेश अदवय को शांत करते हुए !
बोला " ठीक है ! तो उसे तू सजा दे देना लेकिन अभी तो तू सो न जाने तूने बहुत ज्यादा ड्रिंक कर रखी है ! और तुझे नहीं समझ में आएगी तो क्या बोल रहा है ठीक है ! लेकिन वो अभी शिवेश की तरफ ही देख रहा था ।
और वो शिवेश से बोल रहा था !" नहीं तुम मेरे लिए अभी लेकर आएगा !" लेकिन शिवेश बार-बार उसे मना किया था ।"
लेकिन अदवय मानने को को तैयार नहीं था । तब शिवेश ने अपनी कसम देकर उसे ड्रिंक करने से रोका और फिर शिवेश ने अदवय को किसी बहाने से ही सुला दिया ।
जैसे ही अदवय नींद में हो गया । तब शिवेश में सूर्य को कॉल किया ! लेकिन सूर्या उस वक्त सो रही थी !
कॉल रिसीव नहीं कर पाई ! तो उसने फिर से कॉल किया ! तभी शैली ने सूर्या का कॉल रिसीव कर लिया !
लेकिन जब शिवेश ने बोला !" तो शैली कुछ बोल नहीं रही थी ! बस उसकी बातें सुन रही थी ! फिर शिवेश ने पूछा सूर्या सूर्य मेरी बात सुन रही हो बताओ क्या हुआ था ।
आज ऑफिस में तब शैली ने बोला !" जी सूर्या नहीं , मैं शैली बोल रही हूं ! सूर्या सो गई है ! और वो भी जब ऑफिस से आई है ! तब से तो उसकी तबीयत थोड़ी खराब थी !
आते ही वो वॉशरूम में चली गई थी ! पर किसी को कुछ बताई ! नहीं मैंने पूछा तो बस इतना ही बोली मेरी तबीयत खराब हुई थी !
तो शिवेश ने बोला !" ठीक है उसका ध्यान रखिएगा !
और फिर कल को कट कर दिया ! शिवेश की बातों को सुनकर शैली भी को शक होने लगा था ।
उसने सूर्य से पूछना चाहा ! लेकिन उस वक्त सूर्या गहरी नींद में हो चुकी थी ! पर शैली उसे जगाना नहीं चाहती थी ।
इसलिए उसने कुछ नहीं बोला वह भी चुप चाप ही बैठी हुई थी ! तभी सुमन जी वहां आ गई ! और बोली शैली चलो बेटा खाना खा लो आप दोनों लेकिन सूर्या तो सो गई है ! अभी उसे उठाना सही नहीं होगा । तो शैली ने बोला !" आंटी ठीक है ! मैं अभी आती हूं ! पर इसे सोने दीजिए ! थोड़ी देर सो लेगी तो शायद इसका इसकी तबीयत सही हो जाएगी ।
आखिर हुआ क्या था ऑफिस में । जो दोनो ही बोल नही रहे थे ! पर हर्ट तो दोनो ही हुए थे ।
To be continue
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Guys please support me aap log story ko padte to hai lekin na to like karte h aur na hi comments.
Guys mai ek student hu lekin mai kosis karti hu ki jald se jald hi aap ko agla episode de saku please guys support me
Thank you guys ।।❤️❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏
Story writer