खिड़की

ProfileImg
25 Jul '24
1 min read


image

चार दीवारों में , ये खिड़की मेरा सहारा है।

दिन में सेकनी है धूप मुझे और रातो को देखना तारा है।

फूलों की सुगंद इसी से आये ,देखा बारिश की छमछम धारा है।

हो खिड़की जिस कमरे में ,वो कमरा मुझको प्यारा है।

 

Category:Poetry



ProfileImg

Written by Aman Rajput

0 Followers

0 Following