मैं क्यू जाऊं उससे मिलने ।

मैं क्यू जाऊं उससे मिलने ।

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25 Jun '24
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तभी सुमन जी अदवय से बोलीं ! " क्या हुआ बेटा"। तब अदवय कुछ नही बोला । और फिर गुस्से में ही वहा से  जाके अपने कार में बैठ गया । 

और फिर अपनी गाड़ी स्टार्ट किया और  वहा से निकल गया । वहा खड़ी सुमन जी परेशान हो रही थी । कि अचानक से ऐसा क्या हो गया जो अदवय ऐसे वहा से चला गया ।

तभी सूर्या बोली ! “ ऐसा ही है वो, आप चलो मुझे बहोत तेज भूख लगी है, आप मुझे खाना दे दो ।”

फिर सूर्या और सुमन जी अंदर चली गई ।

और इधर अदवय गुस्से में अपनी कार की स्पीड को बड़ाए जा रहा था । कार की स्पीड तेज होने की वजह से कार कंट्रोल में नहीं हो रही  थी । और सामने से आ रही कार से टकरा गई ।

अदवय का एक छोटा सा एक्सीडेंट हो गया । उस वक्त तो अदवय बेहोश हो गया था ।

एक्सीडेंट होता देख बहोत सारे लोग वहां आ गए । इधर शिवेश बार–बार अदवय को कॉल कर रहा था । लेकिन अदवय उसके एक भी कॉल का ज़बाब नही दिया था ।

तभी वहा खड़े एक आदमी ने अदवय का फोन पे कॉल आता देख , वह फोन उठा लिया । और फिर उसे  बताया !  की जिसका ये फोन है । उसका एक्सीडेंट हो गया है ।

शिवेश उस आदमी की बात सुन कर अचानक से बोला । “क्या ? ये कब हुआ , कहा हुआ है । आप ऐड्रेस बताइये मैं आता हूं अभी । ”

तभी वो आदमी शिवेश को ऐड्रेस बताया । और शिवेश को जल्दी आने को बोल दिया ।

थोड़ी ही देर में शिवेश वहा आ गया । और अदवय की हालत को  देख के थोड़ा शॉक्ड हो गया था । 

अदवय को तो ज्यादा चोट नहीं लगी थी । लेकिन अदवय की कार को काफी डैमेज हो गया था ।

शिवेश अदवय को वहा से तुरंत हॉस्पिटल ले गया । और वहा ऐडमिट कर दिया । और खुद भी वही पूरी रात अदवय के साथ  वहीं रहा ।

जैसे ही सुबह हुई । शिवेश अदवय के पिता अभिषेक जी को कॉल किया । लेकिन वो शिवेश का फोन नही उठा पाऐ थे । 

तभी शिवेश अदवय के एक नौकर को कॉल किया और फिर उसे वही   बुला लिया था ।

जैसे ही वो नौकर वहा आया ! तो शिवेश ने 

उससे बोला ! “ की जब तक  मैं वापस ना आ जाऊं तब तक   आप यहीं रहना ।”

इतना बोल के शिवेश वहा से अपने रूम पे चला गया । और फिर रेडी हो के कॉलेज चला गया ।

ताकि वो वहा अभिषेक जी को इनफॉर्म कर सके ! लेकिन अभिषेक जी वहा भी उससे नही मिले !

इधर हमारी सूर्या भी आज टाईम पे उठ के रेडी हो के निकल ही रही थी । की अंदर से आवाज़ आई । "आज तो नाश्ता कर लो तुम दोनो" ये आवाज़ हमारी प्यारी सुमन जी की ही थी ।

जिन्हे सूर्या की हमेशा ही चिंता लगी पड़ी होती थी ! 

तभी सूर्या बोली । “हा मां अभी मंदिर जा रहे है । वहा से आके करते है नाश्ता । ”

तभी शैली अचानक से सूर्या से  बोली ! “ मंदिर ! हमे मंदिर भी जाना है क्या ? हा हम तो कॉलेज जा रहे थे न ।”

तभी सूर्या धीरे से बोली !" हा हम कॉलेज ही जा रहे है । लेकिन अभी नाश्ता करने बैठे न तो बहोत देर हो जायेगी ।"

" अभी चलो बाद में खा लेंगे ।" तब शैली फिर से  बोली ! "ठीक है चलो । " फिर दोनो कॉलेज के लिए  आपने घर से निकल गई  । 

जैसे ही सूर्या कॉलेज पहुंची । तो वहा पहले से ही  शिवेश सूर्या का इंतजार कर रहा था । 

सूर्या को देख के शिवेश सूर्या के पास आ गया । और सूर्या से पूछने लगा । कि “ कल ऑफिस में कुछ हुआ था क्या ? अदवय को ।”

तब सूर्या शिवेश की तरफ देखते हुए बोली ! “ नहीं तो क्यू , क्या हुआ सब ठीक तो है न  ।”

सूर्या की बातो को सुन कर शिवेश फिर बोला । "नहीं  कुछ भी ठीक नहीं है , कल रात को अदवय का एक्सीडेंट हो गया था । 

उसे तो थोड़ी बहुत चोट है ! लेकिन गाड़ी एक साइड से पूरी तरह से डैमेज हो गई है ।

तभी अचानक से सूर्या बोली ! "क्या  । " लेकिन कल जब वो मुझे मेरे घर पे छोड़ा तब तो सब कुछ  ठीक था । हां थोड़ा गुस्से में निकला लेकिन उतना गुस्से में तो वो हमेशा ही रहता है ।

सूर्या की बातो को सुन कर शिवेश फिर सूर्या से पूछा ! " कुछ हुआ था ! क्या वहा पे ।" शिवेश अभी इतना ही बोला था ! की तभी सूर्या फिर से बोली ! " नही यार ऐसा तो वहा कुछ भी नही हुआ था ।" 

फिर सूर्या कुछ सोचते हुए  बोली ! “नही, कुछ हुआ तो नही था । हा मेरी मां ने उसे अपने पास बुलाया तो आ के मां के गले लग गया । और फिर अचानक से गुस्से में वहा से निकल गया । ”

तब शिवेश बोला ! " ohh तो ये बात है । " तब सूर्या बोली ! "मतलब । " तब फिर से शिवेश बोला ! "हा अदवय की मां नहीं हैं ! न और जब भी वो किसी की भी मां को देखता है ! तो अपनी मां को बहोत miss करने लगता है ।

"और ऐसे ही गुस्सा भी हो जाता । और खुद को नुक्सान पहुंचने लगता है । शिवेश ने बोला ।

शिवेश की बातो को सुन कर सूर्या फिर से शिवेश से पूछने लगी । “ क्या हुआ था अदवय की मां को जो की वो अब नहीं है इस दुनियां में ।”

तब शिवेश सूर्या को बताया ! कि"अदवय के मां का रोड एक्सीडेंट हुआ था । जिसमे अदवय की मां का स्वर्गवास हो गया था ।"

शिवेश की बात सुन कर सूर्या को बहोत बुरा लगा । और वो अदवय के बारे में सोचने लगी  थी !  “कि उसको कितना बुरा लगता होगा । जब वो किसी को भी अपनी मां के साथ देखता होगा । ”

फिर शिवेश भी वहा से चला गया । तब सूर्या और शैली भी अपने क्लास रूम में चली गई ।

लेकिन सूर्या क्लास में तो बैठी होती है, लेकिन सूर्या के आखों के सामने बार–बार अदवय का चेहरा आ रहा था । और सूर्या के दिमाग में शिवेश की कही हुई बाते आ रही थी ।

जिसके कारण सूर्या का मन नहीं लग रहा था ! पढ़ाई में जैसे ही क्लास खत्म हुआ । तो सूर्या तुरंत हॉस्पिटल के लिए कॉलेज के लिए निकल गई ।

जब सूर्या हॉस्पिटल पहुंची ! तो काउंटर पे अदवय का रूम पूछी । तो जो आदमी काउंटर पे था । वो सूर्या को अदवय का रूम बता दिया । 

तब फिर सूर्या अदवय के रूम की तरफ जाने लगी थी ।

जब सूर्या अदवय के रूम के पास पहुंची ! तो धीरे से रूम का दरवाजा खोली !  और फिर धीरे–धीरे कमरे के अन्दर जाने लगी  ।

जैसे ही सूर्या अदवय के पास गई । वैसे ही अदवय सूर्या का हाथ पकड़ लिया था । लेकिन अदवय अभी भी बेहोसी की हालत में ही था ।

लेकिन जब अदवय सूर्या का हाथ पकडते ही तो सूर्या घबरा गई ! और उसका हाथ झटक के वहा से भाग गई थी ।

सूर्या थोड़ा डरी हुई थी !  लेकिन वो फिर अपने ऑफिस चली गई । जैसे ही सूर्या ऑफिस पहुंची । तो वहा के सारे इंप्लोई सूर्या को बहोत ध्यान से देख रहे थे । 

सूर्या को थोड़ा अजीब लगा । लेकिन वो फिर अपने कामों में लग गई थी । 

क्या था रीजन जो सारे इंप्लोई सूर्या को ऐसे देख रहे थे।

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Written by Deepanjali Singh

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