टूटते परिवारों के पीछे किसकी गलती.....?



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 युवाओं, विशेषकर लड़कियों का विवाह न करने, या लेट करने की वजह से लगातार बिखरते इंडियन फैमिली सिस्टम……!

- लड़कियां ही नही लड़के भी आजकल के शादी नही करना चाह रहे,जिम्मेदारी से दोनो ही भाग रहे,शायद इसकी वजह भी हमारा समाज घर परिवार ही है,सबकुछ जुटाने में और सबको खुश रखने के चक्कर मे बच्चे अपने माता पिता को सिर्फ स्ट्रगल करते ही देखे हैं ज्यादातर, इसलिए शायद शादी को लेकर वे इतने नेगेटिव हैं।

- लड़के भी उतना ही बचना चाहते हैं शादी से। लड़कियां शायद कुछ ज्यादा। इसकी सबसे अहम वजह जो दिखती है, वो शायद ये कि अधिकतर बच्चों ने शादी और जिम्मेदारी में फंसे अपने ही मां बाप को जीवन ढोते हुए देखा है। ठीक वैसा ही जीवन उनके हिस्से आयेगा, ये खयाल ही काफी डरावना है। यदि समाज और परिवार संस्था स्वयं को अच्छे ढंग से प्रस्तुत कर पाती या कर पाए तो शायद ऐसा न हो।

- कहीं इसका कारण माँ बाप का बच्चे को ज़्यादा पेम्पर करना तो नहीं है, उसे बस सब कुछ देना पर उसे कुछ करने को ना कहना, कोई ज़िम्मेदारी ना देना।

- बेटियों को लाड़ से पालते है बहु चाहिए जिम्मेदार,, काम काजी,, बेटी को चाय बिस्तर पर देनी है, बहु से लेनी है,, जब बेटी को ये सिखाया ही नही गया तो बहु कैसे मिलेगी ऐसी।

- कहीं ना कहीं आज शादियां सबसे ज्यादा टूट भी रहीं हैं इसी कारण से और होना तो धीरे धीरे कम हों ही गया हैं। खुशियां अब सबकुछ धन से प्राप्त करने की कोशिश हैं परिवार लोग और अपनों के बीच रहकर जीना एक पुरानी और दकियानूसी लगने लगा हैं आज के युवाओं को बस अकेला और पैसा सब खुशियां ये खरीद लेंगे फाइव स्टार।

- मूलतः शादी की संस्था ही ख़तरे में है । मेट्रो शहरों में लिव इन की प्रथा आम हो चुकी है । ये मैं मेरे भारत के विभिन्न metros में रहने के अनुभव के आधार पर कह रहा हूँ । जितना ज्यादा शहरीकरण होगा उतना ही यह चलन बढ़ता जाएगा । विकास की एक कीमत होती है जिसे चुकाना ज़रूरी होता । सच है -  Why should boys have all the fun.

ये सभी कारण कहीं न कहीं सोचने को विवश करते हैं कि टूटते परिवारों के पीछे कितनी गलती अभिभावकों की व कितनी गलती बच्चों की है।

Category:Social Commentary



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Written by आत्मविश्वचेतस शोभित

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