ढूंढो तो भी न मिल पाए,
वो जो तुमसे पहले, तेरी बात समझ पाए।
मुश्किल में तेरा, साथ न छोर जाए ।
तेरे दुखो का वो , चुटकी में हल निकाल पाए।
अरे भाई, तुझे वो कब मिल जाए,
तुम भी ना जान पाओ।
है तुमने भी क्या कोई राज छुपाए ,
जो तेरा मित्र जान ना पाए?
तु जब दिल से टूट जाए,
तेरा साहस तब वो तुझे याद दिलाए,
तु कितना भी रूठ जाए ,
“यार मान भी जा” कह कर वो तुम्हे मनाए !
तेरी जीत में वो , जो अपनी जीत जतलाए ।
तेरे आगे बढ़ने पर, खुशी से चिल्लाए।
क्या कर पाए हो कभी ऐसा मेहसूस,
जिसे तेरे दिल ने कहा हो , अरे यही है वो मेरा सच्चा मित्र।
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