यत्र नारिस्य पूज्यते।रमंन्ते तत्र देवता
"जहां नारियों का सम्मान होता है वहां देवता भी निवास करते है"
हम एसे ही कुनबे से सम्बन्ध रखते है जहां हमारे पौराणिक ग्रन्थों मे उपरोक्त भाव मिलते हैं।
मगर वास्तविकता तो अब इसके विपरीत ही है..आइए हम आपको उस घृणित एवं दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे मे बताते है
जो सामने तब आया जब भारत मे चुनाव चल रहे थे सभी पार्टियों के नेता अपने अपने जुमलों से जनता को रिझाने मे लगे थे..चौपरो की गडगड़ाहट लगभग पूरे भारत मे गूंज रही थी जिससे नेता कोने कोने मे पहुंच रहे थे।
यह दुर्भाग्यपूर्ण मामला कर्नाटक का है ।
दूसरे चरण के चुनाव के पहले ये मामला उठता है जो कि सीधे पूर्व प्रधानमंत्री HD देवेगौडा के पोते प्रज्जवल रेवन्ना से जुडा है।
प्रज्वल रेवन्ना कर्नाटक के हासन सीट से सांसद भी हैं..
हासन सीट के चुनाव से ठीक पहले लोगो को कुछ लावारिस पेंन्ड्राइव मिलते है जिन्हे जब लोग देखते तो उसमे प्रज्जवल रेवन्ना स्पष्ट तौर पर महिलाओं से जबर्दस्ती करते दिखाई दे रहे थे। जब ये वीडियो वायरल हुए और लोगो के बीच पहुंचा तब जिन जिन महिलाओं के साथ प्रज्जवल ने कथित तौर पर जबरजस्ती एवं शोषण किया था उन महिलाओं के प्राइवेसी भी सार्वजनिक हो गई फलस्वरूप सैकडो महिलाओं ने परिवार सहित अपना घर छोडा कुछ ने आत्महत्याए कर ली मगर दुर्भाग्य की बात है कि बडी आसानी से राज्यसरकार द्वारा मामले को दबा दिया गया ।
इस देश का सबसे बडा दुर्भाग्य ये भी है कि सुप्रीम कोर्ट टिकटाक जैसे मामले पर तो स्वत संज्ञान लेता है मगर कर्नाटक मे हुए नारी अपमान विभीषिका पर दो टूक भी सुप्रीम कोर्ट बोलने मे अस्मर्थ हो जाता है।
क्या गजब का चुनवी दौर रहा इस बार आम चुनाव का ,एक तरफ पार्टी नेताओं के जुमले थे तो वही दूसरी ओर कर्नाटक मे महिलाओं की सिसकन थी,परिवारों की पीडा थी,खुलेआम अस्लीलता का दौर चल रहा था.....और सिसकन का भी दौर बीत गया, पीडाओं का भी दौर बीत गया, अपमान का भी दौर बीत गया लेकिन मुद्दा जस का तस बना हुआ है ...जिन परिवारों पर ये वज्रपात हुआ है उनका क्या कसूर..एक लफंगे ने हजारों घरों को अंधेरे कूंए जैसे भविष्य मे ढकेल खुद विदेश भाग गया ...वो भी चुपके से नही भागा चुनाव लडा वोटिंग करवा कर अगले सुबह विदेश भाग जाता है .....पुलिस कहां है,महिला आयोग कहां है,एक निर्भया के लिए सरकार पलटने वाली जनता कहां है,कोर्ट कहां है...आज भी ये प्रश्न हजारों लोगों के अंदर कचोट रहा है कि न्याय है तो कहां है ...कहां है..कहां है
कन्टेन्ट राइटर,