(Raghuvir Singh Panwar )
जल, जिसे हम पानी भी कहते हैं, हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और अनमोल संसाधन है। यह एक ऐसा तत्व है जिसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। चाहे वह पेड़-पौधे हों, जानवर हों, या मनुष्य – सभी के लिए जल की आवश्यकता होती है। जल के बिना हमारा जीवन असंभव है, इसलिए इसे सही कहा जाता है कि "जल जीवन है"।
जल का महत्त्व -;
जल की महत्ता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि धरती का लगभग 71% भाग पानी से घिरा हुआ है। इसमें से सिर्फ 3% ही ताज़ा जल है, जो पीने, कृषि, और अन्य उपयोगों के लिए उपयुक्त है। पृथ्वी पर सभी जीवों की जीवन प्रक्रियाएं जैसे श्वसन, पाचन, रक्त संचार, और शरीर का तापमान नियंत्रण – सब कुछ जल पर ही निर्भर करता है। यही कारण है कि जल को जीवन का आधार कहा जाता है।
जल के बिना जीवन की कल्पना -;
अगर हम एक दिन के लिए भी जल की अनुपलब्धता की कल्पना करें, तो हम समझ सकते हैं कि जीवन कितना कठिन हो जाएगा। पीने के लिए पानी न होने से प्यास बुझाना मुश्किल हो जाएगा, पौधों के सूखने से भोजन की कमी हो जाएगी, और स्वच्छता बनाए रखना असंभव हो जाएगा। जल का अभाव हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है – हमारी सेहत, कृषि, औद्योगिक कार्य, और यहां तक कि हमारे दैनिक जीवन की छोटी-छोटी ज़रूरतें भी।
जल संकट की समस्या -;
आज पूरी दुनिया जल संकट की समस्या से जूझ रही है। ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण, और अति-उपयोग के कारण जल स्रोतों का तेजी से ह्रास हो रहा है। नदियों और झीलों का जल स्तर घटता जा रहा है, और भूमिगत जल का स्तर भी चिंताजनक स्थिति में है। विश्व के कई हिस्सों में पीने के पानी की भारी कमी है, और आने वाले समय में यह समस्या और भी विकराल हो सकती है।
भारत में भी जल संकट एक गंभीर समस्या है। कई राज्यों में सूखे की स्थिति पैदा हो जाती है, जिससे खेती और पीने के पानी की कमी हो जाती है। पानी की कमी के कारण किसानों को फसल उगाने में दिक्कत होती है, जिससे उनकी आजीविका पर सीधा प्रभाव पड़ता है। जल संकट से निपटने के लिए हमें पानी का संरक्षण करना बहुत जरूरी है।
जल संरक्षण की आवश्यकता -;
जल संरक्षण के उपायों को अपनाना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए हमें निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting): वर्षा का पानी संरक्षित करने से जल की कमी को काफी हद तक कम किया जा सकता है। हमें अपने घरों, कार्यालयों, और सार्वजनिक स्थानों पर वर्षा जल संचयन के उपाय करने चाहिए।
जल के अति-उपयोग से बचें: पानी का अति-उपयोग और बर्बादी रोकने के लिए हमें सावधान रहना चाहिए। उदाहरण के लिए, नहाने, बर्तन धोने, कपड़े धोने और गाड़ी धोने में पानी का कम से कम उपयोग करें।
पानी की रिसाइकलिंग: पानी की रिसाइकलिंग भी जल संरक्षण का एक महत्वपूर्ण तरीका है। घरों और कारखानों में उपयोग किए गए पानी को साफ करके दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
प्राकृतिक जल स्रोतों का संरक्षण: झीलों, नदियों, और तालाबों को साफ और संरक्षित रखना आवश्यक है ताकि जल स्रोत प्रदूषित न हों। प्लास्टिक और अन्य कचरे को नदियों में फेंकने से बचें।
पौधारोपण: पेड़-पौधे जल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे भूजल स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं और मिट्टी के कटाव को रोकते हैं। इसलिए, अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए।
सरकारी नीतियों और योजनाओं का पालन: सरकार द्वारा चलाई जाने वाली जल संरक्षण योजनाओं में भागीदारी करना भी जरूरी है। जैसे कि, ‘नमामि गंगे’ और ‘जल जीवन मिशन’ जैसी योजनाएं।
जल संरक्षण के लाभ -;
जल संरक्षण के कई लाभ हैं। यह न केवल हमारी पानी की जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है, बल्कि पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में भी सहायक है। जल संरक्षण से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है, जिससे कृषि में सुधार होता है। इसके अलावा, यह जीव-जंतुओं के जीवन के लिए भी आवश्यक है,
जल संरक्षण से हमारी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है। जल की बचत करने से बिजली की बचत होती है, क्योंकि जल शोधन और आपूर्ति के लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह समाज के सभी वर्गों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि जल संकट के समय में गरीब और ग्रामीण समुदाय सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।
निष्कर्ष -;
जल की महत्ता को समझना और इसे संरक्षित करना हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। "जल जीवन है" – यह सिर्फ एक कहावत नहीं है, बल्कि हमारे अस्तित्व की सच्चाई है। जल की हर बूंद कीमती है, और इसे बचाना हमारी जिम्मेदारी है। यदि हम सभी मिलकर जल संरक्षण के उपायों का पालन करें, तो हम न केवल अपने लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
इसलिए, आज ही से जल संरक्षण के प्रति सजग हों, ताकि हमारी धरती पर जीवन बना रहे और हम सभी एक सुखद और स्वस्थ जीवन जी सकें। जल ही जीवन का आधार है, और इसका संरक्षण हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।
लेखक सम्पादत साप्ताहिक समाचार थीम
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