सदा दूसरे के थाली भात देखता गांव हमारा
सदा दूसरे के ललाट के सिंदूर देखता गांव हमारा,
राम और सरकार भरोसे काम हुआ कुछ ऐसे - तैसे
वे मौसम ही मानसून का बात जोहता गांव हमारा,
खेती हुं मशीनी देखो , गाय भैंस सब बेच बाच
बैठ दुआर मेहमान सा खाट तोरट गांव हमारा
भानुप्रताप मौर्य
Computational Biologist and bioinformatician
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