"दाग़ अच्छे हैं"

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18 May '24
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"कुछ समय से एक वाशिंग पाउडर का विज्ञापन जारी है। जिसमें यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि यदि कुछ अच्छा करने में कपड़ों पर दाग लग भी जाएं तो वो दाग अच्छे कहलाते हैं। " 

इस परिभाषा ने मुझे भी दाग पर विश्लेषण करने पर और अपने विचार आपके साथ साझा करने के लिए प्रेरित किया। 

दाग़ कई प्रकार के होते हैं जैसे, जन्म के साथ शरीर पर दाग जन्मजात कहलाते हैं, समय और खान-पान के कारण या किसी अन्य कारणों से कोई न कोई या कभी न कभी, सभी को किसी न किसी प्रकार का दाग लग ही जाता है, इसी प्रकार कोई दाग़ चरित्र पर लग जाए तो लोग उसको चरित्रहीन बोल देते हैं ,पर क्या आप जानते हैं कि एक दाग ऐसा भी होता है जो एक बार किसी महिला या पुरुष को लग जाए तो उसका पूरा व्यक्तित्व ही बदल जाता है। मेरे जीवन में भी वो दाग़ आया और उसने मुझे अपने प्रभाव से धीरे-धीरे बदल कर रख दिया।उस दाग का रंग काला पीला नहीं था और न ही उसने मेरे चरित्र पर संदेह खड़ा किया बल्कि यह एक पवित्रता का प्रतीक माना जाने वाला श्वेत वर्ण था।जिसे साधारण भाषा में सफेद दाग़ की बीमारी बोला जाता है। जिसके लिए आज भी एक उपयुक्त इलाज की खोज जारी है।यह दाग मेरे जीवन में तब आया जब मैं एक ऐसी उम्र में थी जब लड़कियां अपनी शादी के सपने संजोने लगती हैं और माता-पिता अपनी बेटियों के लिए उपयुक्त वर की तलाश शुरू कर देते हैं। ग्रेजूएशन के बीच में सफेद दाग़ का एक छोटा सा निशान आना और वो भी ओंठ पर , तो सोचिए उस लड़की और उसके माता-पिता पर क्या बीत रही होगी। और वो भी ऐसे समाज में जहां एक लड़के की कमाई और एक लड़की का बाहरी रंग रूप ही शादी की बात पक्की होने का मानक माना जाता रहा हो। बहुत समय तक मैंने अपने आपको टूटने नहीं दिया क्योंकि ये विश्वास कहीं न कहीं मेरे  अंदर मौजूद था कि एक दिन यह दाग ख़त्म हो जाएगा। फिर धीरे -धीरे मनोबल जबाव देने लगा क्योंकि हर तरह का इलाज करवाने बावजूद दाग पर कोई असर नहीं हुआ।हां इलाज जारी रखने के कारण कभी वो दाग़ बढ़ा नहीं। कुछ डाक्टरों ने इलाज  न करवाने की सलाह भी दी और सर्जरी करने को कहा। इन सबके बीच मैं पहले से ज्यादा मजबूत होती गई। मैंने आज भी अपनी पढ़ाई जारी रखी है। इस दौरान वह लड़की जो शादी करके अपना घर बसाने का ही सपना देखा करती थी उसे अब शादी प्राथमिकता नहीं लगती। सबकी सुनने वाली लड़की अब अपनी बात कहना भी सीख गई है। शादी के लिए कई बार मना सुना सिर्फ एक छोटे से दाग की वजह से। अब मेरी प्राथमिकता बदल गई हैं। क्योंकि इस सफेद दाग़ ने मुझे कुछ नहीं से बहुत कुछ बना दिया। मैंने एम   एस सी की पढ़ाई पूरी की, एम एड किया ,नेट की परीक्षा पास की ,   और अब अपने लेखन कला को आगे बढ़ा रही हूं।पी एच डी  भी जल्द शुरू होगी। अपने सपने पूरे करने में ध्यान रहता है बस अब।अब बताइए दाग अच्छे हैं ना? क्योंकि ये दाग न होता तो मैं भी एक आम सी जिन्दगी जी रही होती । पर आज मेरी लाइफ वो है जिसके लिए मैं अपने आपको लायक नहीं समझती थी।कभी -कभी आपके जीवन में कठिनाई इसलिए आतीं हैं कि ईश्वर आपको वो देना चाहते हैं जिसके लिए आप बने हो। इसलिए “कभी भी विपरीत परिस्थितियों से हार न मानें। सफलता न सही अनुभव तो प्राप्त होगा । सही समय आने पर सफलता भी प्राप्त होगी।” इसलिए मेरे लिए तो दाग़ अच्छे हैं , आपके क्या विचार हैं जरूर साझा करें।

धन्यवाद।🙏

 

Category:Personal Experience



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Written by ruchi verma

I am Ruchi Verma and I love to create something motivational articles, story or poem ...