तेरी राह तकते-तकते मेरी तक़दीर बदल गई
कुछ वो तेरे साथ खिंची तस्वीर बदल गई
मेरे हाथों की सब लकीर बदल गई...
मुझ तक पहुंचे हज़ारों खत्त तेरे
तुझ तक पहुंचे हज़ारों नज़राने मेरे
फिर क्यूँ मोके पर आज ये हीर बदल गई...
तेरी राह तकते-तकते मेरी तक़दीर बदल गई
तेरी खैरियत मांगी है खुदा से
मेरे हिस्से की खुशियाँ मिल जाये तुझे मेरी ही दुआ से
अपनी तो यार जीने कि तमन्ना आखिर बदल गई...
तेरी राह तकते-तकते मेरी तक़दीर बदल गई
तेरा होना भी क्या खुब था साथी
न जाने किस कदर जीत लेते थे हारी हुई बाजी
ए-अल्ला के बंदे अब वो शमशीर बदल गई...
तेरी राह तकते-तकते मेरी तक़दीर बदल गई
इक तेरी हजूरी जीना चाहता था
तुझसे लिपटकर तेरा होना चाहता था
बडी साजिशों के चलते रिश्ते की कच्ची डोर बदल गई..
तेरी राह तकते-तकते मेरी तक़दीर बदल गई
ए-दीप तेरे अल्फ़ाज़, ये लहज़ा तेरा
पढ़-पढ़ कर ये शायरी ये नगमा तेरा
मेरी तो पूरी जागिर बदल गई...
तेरी राह तकते-तकते मेरी तक़दीर बदल गई
कुछ वो तेरे साथ खिंची तस्वीर बदल गई
इन हाथों की सब लकीर बदल गई.!!
~कुलदीप संभ्रवाल
Content likhna✍️mera shauk hai. Kalam🖊️se judkar, shabdon ki duniya me kho jata hoon. Poetry bhi mere dil ki dhadkan hai.aap humare blog www.sapnokidiary.com per sidhe visit kar ke bhi achi achi-achi post pd skte hain thanks.
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