स्वर्ग की चाहत और मौत की सच्चाई

स्वर्ग की राह और मौत की मंजिल

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13 Jul '24
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       कविता     (  रघुवीर सिंह पंवार )

स्वर्ग की राह पर बढ़ना सबको अच्छा लगता  है,
मगर मृत्यु के दरवाजे  से हर कोई डरता है।
जीवन के सुख-सुविधा के समुद्र में डूबे रहना चाहता,
पर अंत के सत्य बोध से हर कोई घबराता है।

  सपनों की रंगीन  दुनिया में उड़ना भरना  अच्छा लगता,
आसमान की ऊंचाइयों को छूना अच्छा लगता।
मगर जब अंत समय की  काली छाया पास आती है,
 तब हर दिल की धड़कन  तेज हो जाती है।

  सवर्ग में सभी जाना चाहते लेकिन, मरना कोई नहीं चाहता क्यों  ?

स्वर्ग की छवि मन को मोहती है,
पर मृत्यु की सच्चाई हर कोई तोड़ती है।
जीवन के  हर सुख और दुख से हम खेलते हैं,
पर मृत्यु के आगाज से हम बचते हैं।

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सवर्ग में भोतिक सुख का आनंद है,
पर मृत्यु की यात्रा में गजब का डर है ।
जो जीना सिखा दे जीवन के हर पड़ाव  को,
वही स्वर्ग का सच्चा राहगीर  है ।

मृत्यु से डरना नहीं, इसे स्वीकार करना सीखो,
स्वर्ग की राह को प्यार दुलार से देखना  सिखो।
जीवन और मृत्यु दोनों का है अपना- अलग –अलग  स्थान,
इन दोनों को समझ कर  जीने में ही है सच्चा ज्ञान।

मृत्यु एक नई शुरुआत का द्वार है,
जो हमें स्वर्ग की ओर ले जाता प्यार है ।
जीवन को जियो हर पल एक उत्सव की तरह,
मृत्यु को अपनाओ एक नए स्वर्ग की तरह।

यही जीवन का सारा सर है  |   (रघुवीर सिंह पंवार )

Category:Poem



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Written by Raghuvir Singh Panwar

लेखक सम्पादत साप्ताहिक समाचार थीम

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