"आज तो घड़ी भी घोड़ी की तरह तेज़ दौड़ रही है ", ये कहते हुए 55 साल की भक्ति कीचन से दौड़ती हुई अपना फोन उठाने आयी। बड़े दिनों बाद पुराने दोस्तों से मिलने का प्लान बनाया था पर उसी दिन पति को किसी काम से बाहर जाना पड़ा , दो बहुएँ तो थी पर वो भी मायके गयी हुई थी । और उसी दिन भक्ति की नन्द सरोज अपने बेटे बहू के साथ घर आने वाली थी । भक्ति चाहती तो सरोज को किसी और दिन मिलने का बोल सकती थी पर भक्ति का सरोज के साथ सिर्फ भाभी और नन्द का ही नहीं दोस्ती का गहरा रिश्ता भी था ।
यूं तो सरोज भक्ति की बुआसास की बेटी थी पर बचपन की सहेली उसकी नन्द बनेगी ये जितनी भक्ति के लिए आश्चर्य की बात थी ,सरोज के लिए उतनी ही खुशी की । बचपन से लेकर शादी तक ओर सरोज की शादी से लेकर आज तक दोनों ने एक-दूसरे का बहुत साथ दिया था ।
पिछले महीने सरोज के बेटे पीयूष की शादी में भक्ति अपनी तबीयत के कारण नहीं जा पायी थी इसलिए सरोज नयी बहू को भक्ति का आशीर्वाद दिलाने लायी थी । अगले दिन भक्ति की बहुएँ भी आने-वाली थी इसलिए सब ने एक grand party का प्लान बनाया था, जिसमें सारे करीबी रिश्तेदार आने वाले थे । पर कही न कही भक्ति इस पार्टी को लेकर थोड़ी परेशान थी ।
भक्ति ने आकर देखा उसकी दोस्त अमृता का फोन था । सामने से आवाज़ आयी " इतनी देर लगा दी फोन उठाने में ", भक्ति ने थोड़ा चिड़ते हुए कहा " कैसे फोन किया , आज मिलने वाले तो थे ना "। अमृता ने जवाब दिया , प्लान मे चेंज है , आकाश के घर पर कोई emergency आ गयी है इसलिए सब ने किसी ओर दिन मिलने का प्लान बनाया है । भक्ति ने उदास होकर बिना कुछ कहे ही फोन रख दिया ।
भक्ति जानती थी कोई दूसरा दिन अब नहीं आएगा , जब वो सारे दोस्तों से मिल पाएगी ।
भक्ति अपने पति और 2 बेटे-बहुओं के साथ भोपाल में रहती है । आज उसके पास सब कुछ है , घर-परिवार , खुशियाँ, बच्चों का प्यार और मन में संतुष्टि भी । बहुत संघर्ष भरी जिंदगी जी कर 55 की दहलीज़ पर पैर रखा था भक्ति ने । दुनिया में तो भक्ति 55 साल पहले ही आ गयी थी पर जिंदगी ने 10 साल की उम्र में उसके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ गिराया था, उसके पैरों पर बिछी जमीन खिसका कर। ये जानते हुए की कल क्या होने वाला है , भक्ति फिर भी बिल्कुल शांत और आनंद में थी ।
आने वाले कल के साथ उसके जीवन में क्या बदलाव आने वाला है , ये उसके सिवा कोई नहीं जानता था । जहां एक तरफ परिवार खुशियों की प्लानिंग कर रहा था , वही दूसरी ओर भक्ति आज अकेले ही एक जाने-पहचानी परेशानी से संघर्ष कर रही थी । पर उसके संघर्ष मे भी इतनी हिम्मत थी की वह खुश थी , संतुष्ट थी । भक्ति आज में अपना पूरा जीवन जी लेना चाहती थी ।
क्या होने वाला है आने वाले कल में ? कौन थी भक्ति ? छोटी सी उम्र में कौन सी मुसकिलें आयी थी उसके साथ ? ये सब जानने के लिए हम जाएंगे थोड़ा पीछे , आज से 45 साल पहले ...... To Be Continued in Next Chapter.