वो लड़के जो होना चाहते थे...



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वो लड़के जो होना चाहते थे अपने माँ के लाड़ले... जो देखना चाहते थे अपने माँ के चेहरे पर खुद के सफलता प्राप्त करने के बाद कि खुशी...और उनके हृदय में थोड़ा सा प्रेम..

वो लड़के जो तरसते रहे माँ के आँचल में सोने के लिए...लेकिन माँ के असमय चले जाने के कारण कभी न जान पाए कि माँ के आँचल के सुख के बारे में

वो लड़के जो अपने पिता के मान सम्मान के लिए त्याग दिये अपने 6 साल के प्रेम को 

वो लड़के जिसने कभी अपने प्रेम को पाने के लिए जी जाँ लगा दिए थे सरकारी नौकरी लेने के चक्कर में

वो लड़के जो अपने सपनो को मारकर अपने पिता के खुशी के लिए... दे दिये अपने खुशियों की बलिदान और चुना अपने पिता के मान सम्मान को बढ़ाने के लिए नौकरी 

वो लड़के जो उस दिन ही रोना छोड़ दिया अपने प्रेमिका और अपनी माँ के याद में जिस दिन उसके पिता ने कहा की बेटा तुम्हारी ये हालत देख के मैं ज्यादा दिन नही जी सकता...!!

वो लड़के जिन्हें अपने छोटे भाई के अपेक्षा मिला कम प्यार,स्नेह,आशीर्वाद, सम्मान

और ज्यादा मिला दुत्कार,और ताने....और मिला बेवजह पिता जी के हाथों से 2 चाँटे…

वो लड़के जिन्हें बचपन मे  नादानियों पर सीख की जगह मिला पिता के हाथों से डंडे की मार और अंधेरे कमरे में बन्द रहने की सज़ा…

वो लड़के जिन्होंने अपने युवावस्था में किया किसी लड़की से प्रेम...और जब लड़के द्वारा उस लड़की के सामने प्रेम का प्रस्ताव रखा गया तब उस लड़की ने प्रेम देने के बदले दिया नफरत और किया भरी समाज में उस लड़के के प्रेम का तिरस्कार…

वो लड़के जिन्हें अपने कार्यालय (ऑफिस) में गलतियों पर सीखने की बजाय मिला उन्हें अपने बॉस के ताने और फटकार

वो लड़के जिन्हें घरों में मिला प्रेम के जगह अपने माँ और  छोटे भाई से सौतेला व्यवहार

वो लड़के जिन्हें अपने ही घरों में मिले सौतेले व्यवहार फिर भी उन्होंने दिया अपने माँ को एक बेटे जितना प्रेम,एक भाई को दिया एक भाई जैसा कंधा जो उनके सुख दुःख में काम आए

वो लड़के जिन्हें हर वक़्त मिला अपनी माँ से दुत्कार,अपने भाई से नफरत वाला व्यवहार...फिर भी उन्होंने दिया अपने माँ के विवाह के वर्षगांठ पर सोने की चैन,और भाई के जन्मदिन पर EMI पर ले के दिया SAMSUNG का फोन

वो लड़के जिन्होंने दबाया अपने दुःख को अपनी उन माँ के सामने,क्योंकि उनके दुःख पर माँ का ठहाका उनके आंखों में आँसू नही खूँ के आँसू ला देते थे

वो लड़के जिनकी माँ का असमायिक चले जाने के बाद उन्होंने लिया प्रण अपने माँ के सपनो को पूरा करने का..

वो लड़के जिन्हें लोग जानते थे उनके पिता के नाम से...आज लोग उनके पिता को जानते हैं उनके नाम से.…

वो लड़के जब कभी बाजार जाते थे सब्जी खरीदने तो उधारी उनके पिता के नाम पर लिखी जाती थी...आज उन लड़के के पिता जब जाते हैं बाजार सब्जी खरीदने तो लोग कहते हैं फलाने के पापा हैं इन्हें अच्छी अच्छी सब्जियां बाछ के दे दो

वो लड़के जिन्होंने अपने पिता के नाम को पहुंचाया आसमाँ के माफिक ऊँचा.... जिन्हें कभी उनके पिता ने ही मारा था कभी किसी गलती पर

वो लड़के जो रो देते हैं जरा सी आघात पर.…

वो लड़के जो अपनी माँ को याद करके रोते हैं जन्मजात बच्चों की तरह...और जरा सी भी भनक नही लगने देते अपने पिता को भी नही

वो लड़के जिन्हें छला गया प्रेम में...फिर भी उन्होंने किसी लड़की पर नही लगाया अर्नगल का टैग

वो लड़के जिन्होंने कभी प्रेम में रहते हुए उस लड़की को दे दिया था प्रेम में ईश्वर का दर्ज़ा

वो लड़के जिन्हें बहनों से मिला माँ के माफिक प्रेम,बहनों और पापा ने कभी नही महसूस होने दिया कभी माँ की कमी

वो लड़के जिसके किसी महिला दोस्त ने प्रेम में रहते हुए चुना आत्महत्या का रास्ता...उस समय आंखों में उतर आया आँसुओं के सैलाब फिर भी नही रोये वो भरी समाज मे 

वो लड़के जिसके किसी दोस्त ने कर लिया आत्महत्या और छोड़ गया 3 बहनों का बोझ अपने अपाहिज पिता और बेबस माँ के कंधों पर...फिर भी न रोये वो लड़के अपने दोस्त को अग्नि देते समय भी

वो लड़के जो कभी रोना चाहे किसी मुद्दे पर खुलकर उस समय समाज ने रोक दिया यह कहकर की लड़के रौया नही करते

वो लड़के जिन्होंने अपने पिता के सपनो को पूरा करने के लिए त्याग दिए अपने सारी खुशियाँ को

वो लड़के जो अपनी प्रेमिका के छोड़ जाने पर खुशी खुशी स्वीकार किया उनका जाना…

वो लड़के जो जानते थे अपनी प्रेमिका के हर जगह के तिल के बारे में फिर भी कभी ये राज को उजागर न कर सके ये सोच के की प्रेम हमरा हैं गर हमारे प्रेम के मान सम्मान को क्षति पहुंचेगी तो हमारी भी मान को क्षति पहुंचेगी

वो लड़के जो कभी अपने जीवन में जूझ रहे थे अनगिनत परेशानियों से उस वक़्त सचिन अनुष्का शाहनी जैसी लड़कियों ने थाम लिया उन लड़के का हाथ और आजीवन थामे रखने का दिया वचन...और दिया वचन खुद के मांग का सिंदूर बनाने का 

वो लड़के जो 6 साल तक प्रेम में रहे अपनी प्रेमिका के वियोग में बहाएं आंसू और भनक भी न लगने दिया किसी को

वो लड़के जो कभी किसी भी बात को लेकर परेशान हुए तब उनके आँखो के सामने आया चूहा मारने वाली दवाई,या चलता हुआ छत का पंखा फिर भी उन्होंने याद किया वो पल की जब कभी उनके पिता जी ने कहा था कि बेटा तुझे कुछ हुआ तो हम जी नही पाएंगे....याद आया उनकी ससुराल जाती हुई प्रेमिका की वो बातें जो जाते समय उसने कहा था कि अगर आपको कुछ हुआ तो मैं अपने प्राण त्याग दूँगी.…

आखरी का 1 पैरा

ऐसे लड़के को जब मरणोपरांत जलाया जाएगा तो..उनकी राख से पनपेगा बरगद या पीपल का पौधा जो समय पड़ने पर देगा आक्सीजन और छांव... और जोड़े रखेगा उन भाइयों दोस्तो और बहनों को उन यादों से....जब भी देखेंगे लोग उस पीपल या बरगद को तो सोचेंगे उन लड़को के बारे में जो कभी सौम्या जैसी बहनों के विष्णु,सोनू,अनिल जैसे दोस्तों के धनजंय,विंनीत,प्रशांत,सोहिल और मनीष जैसे बड़े भाइयों के जान हुआ करते थे

कभी गर दिखें ऐसे लड़के तो थाम लेना उनका हाथ ऐसे लड़के प्रेम होते हैं जो खुद के साथ साथ दुसरो के लिए भी कुछ कर गुजर जाते हैं...💜

 




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Written by आत्मविश्वचेतस शोभित

अहम(मैं) से हम की ओर.......😊 #Save जल,जंगल,जमीन #सम्मान>समानता

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