बाइक,यारी, मानसून और बाहुती जलप्रपात की वो शाम

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19 May '24
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बरसात का मौसम एक ऐसा समय होता हैं, जब प्रकृति अपने सबसे खूबसूरत रूप में होती है। बारिश की बूंदें जब धरती पर गिरती हैं, तो चारों ओर हरियाली छा जाती है और वातावरण में ताजगी का अहसास होता है। ऐसे में दोस्तों के साथ बाइक पे घूमने का आनंद अविस्मरणीय होता है। ऐसे ही एक अविस्मरणीय यात्रा की कहानी आज मैं आपको बताऊंगा। हेलो नमस्ते,मेरा नाम विशाल हैं और मैं एक ट्रैवल ब्लॉगर हूं। वो कहते हैं ना दोस्तों के संग यात्रा का प्लान कब और कैसे बनें कुछ पता नहीं चलता। हमारे इस ट्रिप का प्लान भी कुछ ऐसा ही बना, जाना था कहीं और पहुंच गए कहीं। यात्रा की शुरूवात करते वक्त हमने सोचा नहीं था कि हम एक शानदार यात्रा को अंजाम देने वाले हैं। दोस्तों के साथ राइड करते हुए हम घर से कुछ दूर ही निकले थे कि मौसम की एक्सट्रीम कंडीशन को देखते हुए हमने रीवा जाने का प्लान बनाया। मौसम भी सुहाना था और मौसम की एक्सट्रीम कंडीशन में घूमने का स्वाद शायद कुछ और बढ़ जाता है दोस्तो के संग।

बारिश में बाइक चलाने का रोमांच ही कुछ और है। जब बूंदें हमारे चेहरे पर गिरती हैं, तो एक अद्भुत ताजगी का अनुभव होता है। यह समय दोस्तों के साथ बिताने का सबसे बेहतरीन मौका होता है। इसलिए हम सब अपनी-अपनी बाइक पर सवार होकर निकल गए बाहुती जलप्रपात देखने । इस बाइक की यात्रा में हर एक मोड़ पर, हर एक पेड़ के नीचे और हर एक पुल के ऊपर दोस्तों के साथ ठहाके और हंसी-मजाक हो रहे थे।बारिश के बीच सड़कों पर बाइक चलाने का जो मजा है, वह शब्दों में बयां करना मुश्किल है। कभी-कभी रास्ते में तेज बारिश आ जाती थी, तो हम कहीं पेड़ के नीचे या किसी ढाबे पर रुक जाते। वहां गर्म चाय और पकौड़े का स्वाद चखना हमारे लिए एक अलग ही अनुभव था। बरसात में भीगते हुए गर्म चाय की चुस्की और पकौड़ों का आनंद दोस्तों के साथ लेना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।

बाहुती जलप्रपात मध्य प्रदेश का सबसे ऊंचे जलप्रपात में से एक है। "मैं चाय कहूं तो तुम बारिश समझ लेना,और मानसून कहूं तो मध्यप्रदेश का वाटरफॉल" अगर आपने मध्यप्रदेश के वाटरफॉल का मजा मानसून में लिया होगा तो मेरे इस बात से आप सहमत होंगे। बाइक राइडिंग और वाटरफॉल का दृश्य, दोनों ही रोमांच और आनंद के प्रतीक हैं। जब एक बाइक राइडर पहाड़ियों की घुमावदार सड़कों से गुजरते हुए वाटरफॉल के पास पहुँचता है, तो यह एक अद्भुत अनुभव होता है। बाइक की सवारी के दौरान वाटरफॉल का दृश्य न केवल उत्साह बढ़ाता है बल्कि मन को शांति और सुकून भी प्रदान करता है। और बारिश के वक्त मानो मध्य प्रदेश का हर एक वाटरफॉल, अपनी बाहें खोल पानी की एक एक बूंद से ये सैलानियों से अपने प्यार का इजहार करती हैं। शायद यही वजह रहती हैं कि मानसून के टाइम मध्य प्रदेश के वाटरफॉल देखने के लिए सैलानियों का ताता लगा रहता है। यह जलप्रपात मध्य प्रदेश का एक खूबसूरत दर्शनीय स्थल है।जो कि रीवा शहर में स्थित है। यह जलप्रपात रीवा शहर की मऊगंज तहसील के बहुती नाम के गांव में स्थित है। गेट पर पहुंचते ही हमें पानी की आवाज आ रही थी। अभी हमने जलप्रपात देखा भी नहीं था आवाज़ सुन कर ही हमारे एक्साइटमेंट का लेवल शिल्पा सेठी मैडम के अंदाज़ में बोलू तो सुपर से ऊपर हो गया था। वाटरफॉल के पास पहुँचते ही ठंडी हवाएँ और पानी की बूंदें चेहरे पर पड़ती हैं, जो एक ताजगी का अनुभव कराती हैं। बाइक की सवारी के बाद पानी की गर्जना और बहती धारा का संगीत, दोनों मिलकर एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करते हैं। यह प्राकृतिक दृश्य मन को प्रसन्न करने के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक थकान को भी दूर करता है।जब हमने वाटरफॉल देखा तो सबके मुंह से एक साथ आवाज़ निकली चलो नहाते हैं इसमें।

इस जलप्रपात में बरसात के समय हजारों लोग घूमने आते है। यहां पर आकर आप प्रकृति की खूबसूरती निहार सकते हैं। खास तौर पर यह जलप्रपात एक बरसाती जलप्रपात है, मतलब यह आपको बरसात के मौसम में ही देखने मिलता है। बाकी समय यह सूख जाता है, तो आप इस जलप्रपात की खूबसूरती का मजा उठाना चाहते है, तो यहां पर बरसात के मौसम में आये।

निष्कर्ष: बाइक राइडर के लिए वाटरफॉल का दृश्य एक अविस्मरणीय अनुभव होता है। यह यात्रा न केवल रोमांच और आनंद से भरपूर होती है, बल्कि प्रकृति के करीब पहुँचकर आत्मिक शांति का अनुभव भी कराती है। बाइक राइडिंग और वाटरफॉल के दृश्य का मेल एक ऐसा अद्भुत संगम है, जो जीवन को नई ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करता है। इसलिए, अगली बार जब आप अपनी बाइक पर सवार हों, तो किसी वाटरफॉल की ओर जाने का विचार अवश्य करें और इस अद्वितीय अनुभव का आनंद लें।

कैसे पहुंचे

बाहुती जलप्रपात रीवा शहर में स्थित है। यह जलप्रपात रीवा शहर की मऊगंज तहसील के बहुती नाम के गांव में स्थित है। आप इस जलप्रपात में अपने दोपहिया और चार पहिया वाहनों से आसानी से पहुंच सकते हैं। बाहुती जलप्रपात रीवा शहर से लगभग 85 किलोमीटर दूर होगा। आप इस जलप्रपात में कटरा मऊगंज मार्ग द्वारा पहुॅच सकते हैं।

पढ़ने के लिए धन्यवाद। अपने सुंदर विचारों और रचनात्मक प्रतिक्रिया को साझा करें अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो।

Category:Travel



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Written by Yadav Vishal