भारतीय क्रिकेट टीम ने वर्ष 2024 में T20 क्रिकेट में अपना एक खास मुकाम हासिल किया। एक तरफ जहां भारतीय क्रिकेट टीम ने T20 विश्व कप का टाइटल अपने नाम किया वहीं साल जाते-जाते बल्लेबाजी में कुछ नए आयाम भी हासिल किए। भारतीय क्रिकेट टीम ने इस वर्ष T20 फॉर्मेट में किस तरह की क्रिकेट खेली इसका अंदाजा इस बात से लग जाता है कि पूरे वर्ष भारतीय टीम सिर्फ दो ही T20 मैच हारी। अलबत्ता भारतीय टीम ने वर्ष 2024 के कैलेंडर साल में 26 T20 मुकाबले खेले जिनमें से 24 में जीत हासिल कर हासिल की.
कमाल का जीत प्रतिशत
भारत के जीत प्रतिशत 92.3 एक रहा जो अब तक सर्वाधिक है। इससे पहले 2018 में पाकिस्तान ने 89.47 जीत प्रतिशत का रिकॉर्ड बनाया था। वर्ष 2024 में भारत ने T20 वर्ल्ड कप के अलावा अफ़गानिस्तान, जिंबॉब्वे, श्रीलंका, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ द्विपक्षीय श्रृंखला खेली। भारतीय टीम ने सभी द्विपक्षीय श्रृंखला में एक तरफ जीत हासिल की। सर्वप्रथम जनवरी में अफगानिस्तान के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज 3--0 से जीती। जून में T20 वर्ल्ड कप में जीत हासिल की। जिंबॉब्वे के विरुद्ध पांच T20 मुकाबलों में 4--1 से जीतने में कामयाबी पाई।
इन टीमों को भी हराया
श्रीलंका से तीन T20 मैचों की श्रृंखला में जीत हासिल की। उसके बाद बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका को भी पराजित करने में भारतीय टीम कामयाब रही। पूरे वर्ष भारतीय T20 क्रिकेट टीम का विश्व क्रिकेट में जलवा रहा। कई नए आयाम भी हासिल किया। खासकर बल्लेबाजों ने अपनी जबरदस्त योग्यता का परिचय दिया। इस वर्ष भारतीय T20 बल्लेबाजी की खासियत यह रही कि 9 बार T20 में भारत ने 200 रन से ज्यादा का स्कोर बनाया। बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में भारतीय टीम ने 297 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी 283 रनों का भारी भरकम स्कोर खड़ा कर विश्व क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी की धाक जमाई।
यह रहे भारतीय शतकवीर
यही वजह रही की अन्य टीमों को भारतीय टीम से पार पानी में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। भारत के लिए इस वर्ष चार बल्लेबाजों ने T20 में शतकीय प्रहार किए। रोहित शर्मा, अभिषेक शर्मा, संजू सैमसन व तिलक वर्मा ने 2024 कैलेंडर वर्ष में शतक बनाए। संजू सैमसन ने तो कमाल ही कर दिया। उन्होंने इस वर्ष तीन T20 शतक बनाए। इनमें दो शतक लगातार आए। उन्होंने जहां बांग्लादेश के खिलाफ शतक बनाया। वहीं साउथ अफ्रीका के खिलाफ भी सीरीज में पहले ही मैच में शतक जमाया। दो T20 मैचों में ने लगातार दो अर्धशतक केवल संजू सैमसन ने ही नहीं बनाए बल्कि एक अन्य भारतीय बाएं हाथ के बल्लेबाज तिलक वर्मा ने भी यही कारनामा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हासिल किया। उन्होंने भी बैक टू बैक दो शतक लगाकर भारतीय बल्लेबाजी में नए मानदंड स्थापित किए।
इन खिलाड़ियों का भी रहा योगदान
इन भारतीय बल्लेबाजों के अलावा अन्य खिलाड़ियों का योगदान भी उल्लेखनीय रहा। इनमें शिवम दुबे, यशस्वी जायसवाल, रिंकू सिंह, सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पांड्या, विराट कोहली, शुभमन गिल और नीतीश रेड्डी ने भी एकाध मौके पर महत्वपूर्ण पारियां खेल भारतीय टीम की जीत सुनिश्चित की। ऐसा नहीं है कि सिर्फ बल्लेबाज़ों ने ही बढ़िया बल्लेबाजी की बल्कि गेंदबाजों ने भी जबर्दस्त गेंदबाजी कर टीम की विजय में महत्वपूर्ण योगदान दिया। गेंदबाजों की बाद सिलसिलेवार श्रृंखला से करें तो अफगानिस्तान के खिलाफ अक्षर पटेल ने बढ़िया गेंदबाजी की। उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ पहले और दूसरे T20 मैच में क्रमशः 2--2 विकेट लिए। उस श्रृंखला में मुकेश कुमार, रवि बिश्नोई व वाशिंगटन सुंदर ने भी अच्छी गेंदबाजी की।
T20 वर्ल्ड कप में रहा गेंदबाजों का जलवा
भारतीय टीम की T20 वर्ल्ड कप की सफलता में बल्लेबाजों के अलावा गेंदबाजों की भूमिका भी बड़ी निर्णायक रही। अर्शदीप सिंह, जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या और कुलदीप यादव ने विशेषकर जबर्दस्त गेंदबाजी की। अर्शदीप सिंह ने आयरलैंड के विरुद्ध दो,यूसए के खिलाफ दो और अफगानिस्तान के खिलाफ तीन विकेट लिए। इसके अलावा बांग्लादेश के खिलाफ दो,ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो विकेट लिए। अर्शदीप इस समय भारतीय T20 टीम में प्रमुख गेंदबाज के तौर पर अपनी भूमिका का सफल निर्वहन कर रहे है। विश्व कप में भी जसप्रीत बुमराह को दूसरे छोर से अर्शदीप के रूप में बढ़िया गेंदबाज मिला जिसका फायदा निश्चित रूप से भारतीय टीम को मिला।
जसप्रीत बुमराह तुरुप का इक्का
जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन भी विश्व कप में शानदार रहा। उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ दो, पाकिस्तान के खिलाफ तीन और अफगानिस्तान टीम के खिलाफ भी तीन विकेट हासिल किए। पाकिस्तान के खिलाफ उनकी तीन विकेटों ने मैच का रुख कुछ इस तरह से पलट दिया कि पाकिस्तान की टीम जीतने के लिए निर्धारित 120 रनों का लक्ष्य भी हासिल नहीं कर पाई। इसी प्रकार विश्व कप में बांग्लादेश के विरुद्ध दो, इंग्लैंड के खिलाफ दो और फाइनल मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी दो विकेट हासिल किए। साफ है एक छोर से अर्शदीप और दूसरे छोर से जसप्रीत बुमराह के विकेट लेने की वजह से विपक्षी टीमों को भारत से पराजित होना पड़ा। विश्व कप में स्पिन का दारोमदार कुलदीप यादव के कंधों पर था और उन्होंने भी बिल्कुल निराश नहीं किया। कुलदीप ने अफगानिस्तान के खिलाफ दो, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो, इंग्लैंड के विरुद्ध तीन विकेट लेकर तेज गेंदबाजों का बढ़िया साथ दिया।
विश्व कप के बाद भी जारी रही बढ़िया गेंदबाजी
वर्ल्ड कप में भारतीयों गेंदबाजों की सफलता का सिलसिला फिर आगामी टी-ट्वेंटी सीरीज में भी जारी रहा। जिंबॉब्वे के खिलाफ सीरीज में रवि बिश्नोई, वाशिंगटन सुंदर, मुकेश कुमार, आवेश खान व खलील अहमद ने शानदार गेंदबाजी की। जिंबॉब्वे के खिलाफ सीरीज में पहले मैच में रवि बिश्नोई ने चार विकेट निकाले। वहीं आखिरी T20 मैच में मुकेश कुमार ने भी 4 विकेट लिए। श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में रियान पराग, अशदीप सिंह, अक्षर पटेल, रवि बिश्नोई, आवेश खान व वाशिंगटन सुंदर की गेंदबाजी खास रही। T20 में इस वर्ष किसी भारतीय गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ स्पैल वरुण चक्रवर्ती ने डाला। कम स्कोर वाले उसे मैच में भारतीय बल्लेबाजी 124 के स्कोर पर ढेर हो गई। जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने 125 रन बनाने के लिए 7 विकेट खोए और 19वें ओवर में कहीं जीत मिली। उसे मैच में वरुण चक्रवर्ती ने पांच विकेट लेकर एक समय तो भारत को मैच में वापस ला दिया था।
टी-ट्वेंटी का स्वर्णिम साल
भारतीय टीम का T20 में यह स्वर्णिम साल रहा। नए कप्तान सूर्यकुमार यादव ने फिलहाल टीम को शीर्ष पर लाकर खड़ा कर दिया है। अब देखना यह है कि आगामी वर्ष 2025 में भारतीय टीम का T20 में प्रदर्शन कैसा रहता है। इतना तय है कि आईपीएल की वजह से भारतीय टीम में T20 के अच्छे खिलाड़ियों की कमी नहीं है। अभिषेक शर्मा,रियान पराग, नीतीश कुमार रेड्डी और वरुण चक्रवर्ती काफी इंप्रेसिव रहे हैं। ऐसे समय में जब रोहित शर्मा और विराट ने T20 क्रिकेट से संन्यास ले लिया है तो ऐसे में इन खिलाड़ियों की अहमियत बढ़ जाती है। अब भारत को T20 की पहली सीरीज इंग्लैंड के खिलाफ जनवरी में खेलनी है।
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