गुरु

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21 May '24
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गुरु तेरा ज्ञान अमृत के समान, प्याला पिया तो मजा आ गया।
तेरी महिमा अनंत तेरे उपकार अनंत, जीवन नैया को पार लगाया तो मजा आ गया।

गुरु ज्ञान से मैं अनजान था,
पत्थर को पारस बनाया वो तेरा ज्ञान था,
फिर तो ऐसा हुआ मेरे प्यारे गुरु,
मिट्टी को सोना बनाया मजा आ गया।
गुरु...

जीवन और सत्य को बताते गुरु,
कठिन मार्ग को सरल बनाते गुरु,
अभिमान गया तेरी शिक्षा से गुरु
जानवर को इंसान बनाया मजा आ गया।
गुरु...

देते निर्देश जीवन परिवेश में,
शिष्य की सफलता है तेरे उद्देश्य में,
मन निर्मल हुआ तेरी महिमा से गुरु,
कटु फल को मोक्ष बनाया मजा आ गया।
गुरु...

मेरे गुरु तुझे शत-शत नमन,
गुरु पूर्णिमा पर ये 'शिवचरण',
सभी को देने शुभकामना आ गया।।
गुरु...
-कवि शिवचरण सदाबहार

Category:Poem



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Written by Shivcharan sadabahar

कवि