*Success is the latter half of the mission.......*
First, a desire and wish germinates in life *which with
time comes in the form of a goal in adolescence.*
And later on, this adolescent goal, later on, from the
initial desire and wish germinates *with time attains
youth in the form of a mission.* When, with time, *the
final stage of success is achieved with the tireless efforts
made during the journey of the mission......*
In which the momentary happiness of ordinary life and
everything is sacrificed.
Similarly, we also have to give birth to our desires and
wishes in the desert of our heart. And some special
wishes have to be preserved….
सफलता मिशन का उत्तरार्ध है......*
सबसे पहले जीवन में एक इच्छा और अभिलाषा अंकुरित होती है *जो समय के साथ किशोरावस्था में एक लक्ष्य के रूप में सामने आती है।*
और आगे चलकर यह किशोरावस्था का लक्ष्य, प्रारंभिक इच्छा और अभिलाषा से अंकुरित होकर *समय के साथ मिशन के रूप में युवावस्था को प्राप्त करता है।* जब समय के साथ मिशन की यात्रा के दौरान किए गए अथक प्रयासों से सफलता का अंतिम चरण प्राप्त होता है......*
जिसमें साधारण जीवन की क्षणिक खुशियाँ और
सब कुछ त्याग दिया जाता है।
ठीक उसी तरह हमें भी अपने दिल के रेगिस्तान में अपनी इच्छाओं और अभिलाषाओं को जन्म देना होता है। और कुछ खास
अभिलाषाओं को संजोकर रखना होता है…