मुस्कानें झूठी हैं.. भाग-2

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24 Jul '24
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गतांक से आगे…


ऑफिस से छूटने के बाद लड़का शाम को एड्रेस ढूंढ़ते ढूंढते उसी पते पर जा पहुंचा...

देखा तो घर के बाहर गेट पर वही वॉचमैन बैठा था,जो कल रात उस ऑफिस के बाहर बैठा था..वॉचमैन ने उसकी तरफ देख कर एक रहस्यमयी मुस्कान दी..लड़का ये देख अचम्भे में पड़ गया और सकपका गया..


लड़के ने जैसे ही दरवाजे पर पहुंचकर डोरबेल बजायी ,लड़की ने तुरंत दरवाजा खोला जैसे वो उसी के इंतजार में थी।
“अरे आइये आइये मनोज जी ,वादे के बड़े पक्के है आप ,मुझे तो लगा था आएंगे ही नहीं?”
“अरे आपके चैनल पर इतनी अच्छी अच्छी रेसिपी थी कि देख के मुंह में पानी आ गया ,आता कैसे नहीं और फिर मुफ्त का इतना स्वादिष्ट खाना कोई कैसे छोड़ सकता है?”
बोल के मनोज हंस पड़ा ,साथ ही ज्योतिका भी..
अंदर जाते ही मनोज को सारे घर में भोजन की खुशबु आ रही थी साथ ही सुगंधित रूम फ्रेशनर और धूपबत्ती की खुशबू ..
सामने किचन में अपना मोबाइल स्टैंड पर लगाए वो किसी रेसिपी के लिए ही वीडियो शूट कर रही थी।
मनोज सोफे पर जाकर बैठ गया ,तभी सामने उसकी नजर दीवार पर टंगे फोटो फ्रेम पर पड़ी जिसमें ज्योतिका अपने हस्बेंड के साथ खड़ी थी। ये देख मनोज आश्चर्य में पड़ गया ,सोचा-कमाल है?इतनी मॉडर्न लड़की ,न कोई सिंदूर ,न मंगलसूत्र ,मैं तो इन्हें अनमैरिड समझ रहा था। फिर भी कन्फर्म करने के लिए उसने पूछा -
“ज्योतिका जी ,ये आपके साथ फोटो में कौन है ?आपके हस्बैंड हैं क्या?”
“हाँजी मेरे हस्बैंड ही हैं ,वो अभी काम से बाहर गए हुए हैं।”
“तो घर में और कोई नहीं रहता ?”


“एक्चुली वो क्या है कि हम दोनों ने लव मैरिज की थी और हमारे घर वालों को ये मंजूर नहीं था तो फिर हम दोनों को अपना शहर छोड़कर यहां आना पड़ा। ये यहीं एक कम्पनी में जॉब करते हैं और मैं सारे दिन घर में बोर होती हूँ इसलिए अपना ये यूट्यूब चैनल चलाने लगी..”
“ओ अच्छा !”
मनोज बस इतना ही बोल पाया ,क्योंकि उसकी प्रेम कहानी शुरू होने से पहले ही खत्म हो चुकी थी।
कुछ ही देर में उसके डायनिंग टेबल पर तरह तरह के व्यंजन थे जिसे देख उसके पेट में चूहे कूदने लगे।
तभी आके ज्योतिका उसकी प्लेट में खाना परोसने लगी और उसकी कलाई पर मनोज को चोट के निशान दिखे ..
“अरे ज्योतिका जी ये चोट कैसी ?”
“जी वो खाना बनाते समय जल गया था”
बोलते हुए उसका गला भर आया और उसकी आँखें नम थीं।
“नहीं,ये जलने का निशान तो नहीं लग रहा?माफ़ कीजियेगा,मुझे पूछना तो नहीं चहिये,ये आपका फैमिली मैटर है ,लेकिन आपकी कलाई के अलावा गर्दन के पास में भी चोट का निशान है ,मुझे तो ये डोमेस्टिक वायलेंस का मामला लगता है ,आपके हस्बैंड आप पर हाथ उठाते हैं न ?”
ये सुनते ही वो फफक फफक कर रो पड़ी...
“अरे अरे अरे !देखिये आप रोइये मत  ,ये लो पानी.. पानी पीजिये प्लीज..वैसे  मुझे आप बता सकती हैं, शायद मैं आपकी कुछ मदद कर सकूँ ?”
उसको अपना रुमाल देते हुए मनोज बोला


“मैं और मनीष एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे और शादी करके जब पहली बार यहां आके अपनी दुनिया बसाई ,मुझे लगा ये नई जिंदगी पहले से बैटर होगी लेकिन मनीष की शराब पीने की आदत का मुझे पता नहीं था ,जब कम्पनी में झगड़े के चलते इनकी जॉब छूट गयी तो इनका पीना और ज्यादा हो गया ,मेरे मना करने पर धीरे धीरे मेरे पर भी हाथ उठाने लगे। मैंरा यूट्यूब चैनल जो मेरी सालों की मेहनत का फल था उसके वीडियोज़ पर भी कुछ लड़कों के गंदे कमेंट्स की वजह से मेरे पे शक करने लगे और चैनल बंद करने को बोलते।जबकि उसकी कमाई पर भी उनकी आँखें रहतीं। अभी तो कुछ दिनों से ये हालत है कि एक दिन भी बिना मार खाये नहीं जाता..”

एक ही साँस में रोते रोते सारी बातें बोल दीं ज्योतिका ने
“कोई इंसान इतना निर्दयी ,इतना गिरा हुआ कैसे हो सकता है ?देखिये आप चिंता न करें ,मैं करता हूँ कुछ ..”
बोलते हुए मनोज उठा और हाथ धोने के लिए वॉशरूम की पूछकर वॉशरूम की तरफ बढ़ा..
हाथ धुलने के बाद उसने हाथ पोंछने के लिए अपना रुमाल देखा तो याद आया कि वो रूमाल तो आंसू पोंछने के लिए ज्योतिका जी को दिया था..
लेकिन वहीं उसे वो J अक्षर वाला रुमाल दिखा जिसे उठाकर उसने हाथ पोंछने के लिए खोला तो उसके होश उड़ गए...
रुमाल पर बीच की तह में गाढ़ा गाढ़ा खून लगा हुआ था,जो अभी भी पूरी तरह से नहीं सूखा था..

कहानी जारी है….

Category:Stories



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Written by Shivam Tripathi