रिश्ते

रिश्तों की परिभाषा

ProfileImg
07 Jun '24
1 min read


रिश्ते ये कैसे रिश्ते जो देते नहीं दिखाई
आवाज़ भी जिनकी अब लगने लगी पराई
दिल टूटने की जिनको आवाज़ भी न आई
दिल तोड़कर जो देते हैं वक़्त की दुहाई
ऐसे तो कोई रिश्ता निभाया नहीं जाता
जब तक किसी का दर्द अपनाया नहीं जाता
कैसे बनेगी कोई रिश्तों की परिभाषा
जब तक किसी पे हक़ अपना जताया नहीं जाता।

Category:Poem



ProfileImg

Written by Manisha Shikhar

0 Followers

0 Following