मुस्कुराने की वजह

ProfileImg
21 May '24
1 min read


चलो मुस्कुराने की कोई वजह ढूंढ लेते हैं, असल में ना सही ख्वाबों में मिल लिया करते हैं।

तू बस सामने से आया-जाया करना, बात ना सही बस देख के मुस्कुराया करना।

चलो ख्वाबों में अपनी दुनियां बुनते हैं ना, पवित्र विचारों से इसे सजाते हैं ना। यहाँ न कोई नियम , नहीं कोई सीमा होगी, बस अपनी कुछ मीठी मुलाकातें होंगी।

चलो इस बेचैनी में कुछ सुकून ढूंढ लेते हैं, क्षण भर के लिए एक मुलाकात कर लेते हैं।

जहां गम से भरा है, क्षणिक खुशियाँ ढूंढते हैं ना, हर पल तुझे सोचूँ ,इतनी मुहब्बत कम तो नहीं ना।

चलो शोर भरे जग में कुछ शांति ढूंढ लेते हैं अहसासों में एक दूसरे को पुकार लेते हैं। अल्फाजों में ना सही, आँखों में बातें करते हैं ना, हरपल तेरे साथ हूँ,एक दूसरे को समझाते हैं ना।

चलो हर समस्या का समाधान ढूंढ लेते हैं, एक दूसरे का हाथ पकड़,जहां नाप लेते हैं। हर क्षण तुम कदम मिलाकर चलो ना, पूछे जो कोई-कौन? तो “हम दोंनों” बोल दो ना।।

Category:Poem



ProfileImg

Written by Viraj Giri

0 Followers

0 Following