देश में जारी आम चुनाव के लिए हो रहा मतदान अब अपने अंतिम चरण में पहुँच गया है. 7 चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 के 6 चरण अब तक पूरे हो चुके हैं. 1 जून को होने वाले सातवें चरण के साथ ही ये प्रक्रिया सम्पन्न हो जाएगी. आगामी 4 जून को नतीजे हमारे सामने होंगे, तब पता चलेगा किसने बाजी मारी सत्ताधारी गठबंधन एनडीए ने या विपक्षी गठबंधन इंडिया एलाइंस ने?
भीषण गर्मी के बीच जारी इस चुनाव में अब तक के सभी चरणों में कुछ अपवादों को छोड़ दें, तो मतदान का प्रतिशत कम ही रहा है. इस बार के चुनावों में कम मतदान का होना लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है. आम चुनाव में कम मतदान का होना हमारे लोकतंत्र के लिए चिंता की बात है. इस बार के लोकसभा चुनाव की पिछले लोकसभा चुनावों से तुलना करें तो इस बार के चुनावों में अधिकांश राज्यों में मतदान प्रतिशत में कमी आई है.
यदि हम कम मतदान के कारणों की समीक्षा करें, तो इसके पीछे कई कारण नज़र आते हैं. इस कम मतदान प्रतिशत का एक बड़ा कारण देश के अधिकांश भागों में पड़ रही भयंकर गर्मी तो है ही. साथ ही मतदाताओं की इन चुनाव के प्रति घटती रूचि भी एक और बड़ा कारण है. चुनाव आयोग और सरकारों के जनता को जागरूक करने के प्रयासों के बावजूद भी मतदाताओं में उदासीनता दिखाई दे रही है, जो लोकतंत्र के लिए अच्छी खबर नहीं है.
इसके अलावा इस बार दोनों ही पक्षों के कार्यकर्ताओं में वो जोश नरारद है, जो हर बार नजर आता था. इसकी वजह शायद ये है कि सत्ताधारी गठबंधन एनडीए के लोग अपनी जीत निश्चिंत मान बैठे हैं. दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन इंडिया एलाइंस के कार्यकर्ताओं के दिल अभी तक आपस में मिले नहीं हैं. यही वजह है कि वो जिस जोश से अपनी पार्टी के लिए काम करते थे, उतने उत्साह से शायद इंडिया एलाइंस के लिए काम नहीं कर पा रहे.
खैर जो भी कारण हों, हमारे नेताओं को इस कम मत प्रतिशत को कतई हल्के में नहीं लेना चाहिए. सभी दलों के नेताओं को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना होगा. उन्हें मंथन करना होगा कि कैसे इस कम होते मतदान प्रतिशत को बढाया जाए. वर्ना ऐसा न हो कि मतदाताओं की इस तरह की उदासीनता के कारण आगामी चुनावों में ये मतदान प्रतिशत इस बार से भी कम हो जाए.
writer, poet and blogger
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