बारिश प्रेम की

ये बदल , ये बरसात

ProfileImg
26 Jun '24
1 min read


image

(1). तुम्हारा इश्क भी इन बारिशों जैसा है

      जिसमे अब भीग जाने की चाहत नहीं होती

      बस दूर से अच्छा लगता है इन बून्दों का शोर

      पत्तों की हरियाली लौटा देने वाली बारिश

       तुम्हारा इश्क भी यूं ही 

        मन के पत्तों का नयापन दिखा जाता है

        पर जो जड़े सड़ रही है 

         वो किसी ने शायद देखी नहीं

         खोखला करना किसी ने देखा नहीं

           इसलिए शायद 

            ना ये बारिशें बदनाम हुई

                     ना तुम।







 

(2). तुमको या तुमपर लिखने लगूं तो 

जी मेरा कभी उकताता नहीं है

ना ही मैं थोड़ा भी परेशान होता हूं

कोई झुंझलाहट नहीं होती 

और ना ही कोई बेचैनी

तुममें जाने ऐसा क्या है

जो मुझे मुझसे जुदा करके तुम्हारे जैसा बना देता है

तुम सच में मोहब्बत हो जो मुझे नफरत से निकालकर 

मोहब्बत की ओर ले जाओगी ऐसा मेरा दिल कहता है

लेकिन ये कमबख्त मेरा दिल बेवकूफ भी बहुत है 

इसलिये पागल बना रहता है

और बारिश के दौरान भी तुम्हारे हाथ को नहीं थामता

मुझे लगता है मेरी बेवकूफी से तुम मुझे 

एक रोज जरूर बाहर निकालोगी

पहल करोगी हमारी इस मोहब्बत की 

देखना उस दिन बारिश जरूर होगी

मैं तुम्हारे लिये चाय बनाऊंगा जैसा तुम चाहोगी

मोहब्बत की बरसात होगी उस रोज।

Category:Nature



ProfileImg

Written by vishvash gaur

हम हमेशा पृथ्वी के दो ध्रुवों की तरह रहे एक दूसरे से बिल्कुल विपरीत जो कभी मिल नही सकते पर उनका होना जरूरी है संतुलन के लिए कभी मांगा ही नही एक दूसरे को एक दूसरे से ना ही ईश्वर से अब वो ही जाने उसने क्यों हमें एक दूसरे के इतना समांतर रख दिया जो साथ चल तो सकते हैं पर हाथ थाम कर नहीं

0 Followers

0 Following