चुनाव नतीजे आने के बाद जनता ने कांग्रेस के गारंटी कार्ड के साथ देश के प्रदेशों के कॉंग्रेस कार्यालयों को जिस तरह से घेरा हैँ वह जनता द्वारा किय गया एक तरह से उचित कार्य है. क्योंकि जिस तरह से राहुल गाँधी ने चुनाव में खटाखत स्टाइल में एक लाख रूपये सालाना या फिर साढ़े आठ हज़ार रूपए महीने देने का वादा 5 जून से किया था, वह एक तरह ए छलावा था यानि उस जनता के लिए धोखा ही था. जो 5 जून के बाद धोखा ही साबित हुआ जो राहुल गांधी ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान अपने मतदाता से किया l
राहुल गाँधी औऱ उनका थिंक टैंक अच्छी तरह से जानता है कि मतदाता को कैसे बेबकूफ बनाया जाता है. क्योंकि जिस तरह से उन्होंने 5 जून औऱ सरकार बनते ही अकाउंट में साढ़े आठ हज़ार खटाखट देने का वादा था,
राहुल गांधी और थिंक टैंक मतदाता की मानसिकता को अच्छी तरह से जानता है कि मतदाता से कैसे मत लिया जाता है.
मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में जिस तरह से काम किया था उससे यह तो स्पष्ट हो गया था कि यही मोदी सरकार ही आनी है बस कितनी सीटों के साथ आती है बस यह स्पष्ट नहीं था
कांग्रेस और क्षेत्रीय रजनीतिक दल को एक लाख रूपए सालाना का गारंटी कार्ड का झुनझुना थमाकार बस वोट लेना था क्योंकि सब जानते हैँ 5 साल बाद चुनाव में मुद्दे कुछ और होंगे औऱ जनता कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के इस 8500 हर महीने के वादे को भूल चुकी होंगी
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