Pyara सा احساس (Part 6)

Part 6

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12 May '24
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              Pyara सा احساس

                   Part (6) 

"सनाया कहाँ है"  ….???? 
वह किचन में खड़ी आटा गूंथ रही थी कि उज़मा की आवाज़ आई। 
"किचन में है" ।
साथ ही अम्मी की आवाज थी। 
"तुम्हारा काम खत्म हुआ या अभी कुछ और बाकी है" ?
उज़मा किचन में झाँककर उस्से पूछने लगी !
"हाँ बस हो चुका है" !! 
"ठीक है उपर कमरे में आ जाओ मैं वही तुमहारा वेट कर रही हूं" !
उज़मा कह कर चली गई तो उसने भी हाथ धो कर आटा फ्रिज में रखा और उपर चली आई। 
"बोलो क्या बात है"???
उसने कमरे में घुसते ही पूछा।
"तुमने वलीद भाई के लिए मना क्यों किया है" ??? 
उज़मा ने हाथ में पकड़ी मैगजीन रखते हुए पूछा। 
"तुम तो ऐसे पूछ रही हो जैसे तुमहें कुछ पता ना हो" !!!
उस ने कुछ अजीब अंदाज़ में उज़मा की तरफ़ देखा। 
"हाँ लेकिन मैं फिर भी एक बार तुम्हारे मुँह से सुनना चाहती हूँ" । 
उज़मा पता नही क्या कंफर्म करना चाह रही थी। 
"यार वह मुझे पसन्द ही नहीं करता तो उसके साथ मैं पूरी लाइफ कैसे स्पैट करूंगी" ??? 
उसने ज़हन में चल रही बात दुहरा दी। 
"तुम्हारा मतलब है कि हमें जाज़िब भाई का प्रपोज़ल ऐक्सेप्ट कर लेना चाहिए" ??? 
उज़मा ने कहा तो अब चौकने की बारी उसकी थी।
"क्या मतलब" ??? 
"मतलब वतलब कुछ नही है सिर्फ इतना है कि तुम्हारी खाला जान ने जाज़िब भाई का प्रपोज़ल दिया है तुम्हारे लिए। और सब ओके रहा तो अगले महीने मलीहा आपी की शादी और तुम्हारी इंगेजमेंट साथ - साथ ही कर देंगे" 
वह बात पूरी करने के बाद ही सांस लेने के लिये रुकी थी।
"इतनी जल्दी" ???? 
उसका दिमाग भक से उड़ गया।
"इतनी जल्दी कहाँ , अभी तुम्हारी शादी थोड़ी कर रहे हैं सिर्फ़ इंगेजमेंट होगी। और खाला जानू को भी इतनी जल्दी नही है उनहोंने भी कह दिया है कि तुम आराम से अपनी पढाई कम्प्लीट कर लो तब ही शादी के बारे में सोचेंगे"। 
उसके पास उसकी सारी प्रॉबलम्ज के हल मौजूद थे।
"अब तो तुम्हें कोई एतराज नही है" ? 
वह अब उससे पूछ रही थी।
लेकिन वह क्या बताती उसे तो खुद नहीं पता था कि उसे यह सब बुरा क्यों लग रहा है? 
कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। 
और फिर सब कुछ तय होता चला गया।
***********
To Be Continued…..… 

©Afariya Faruqui

Category:Entertainment



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Written by Afariya Faruqui

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