Pyara सा احساس
Part (3)
वलीद भाई आप फ्री हैं क्या मुझे बात करनी है आपसे" ???
उज़मा ने कमरे में दाखिल होते हुए पूछा जो उसकी कज़िन होने के साथ साथ उसकी बहुत अच्छी दोस्त भी थी।
"हां बताओ क्या बात है, और तुम्हे कब से इजाज़त की ज़रूरत पड़ने लगी मुझसे बात करने के लिए" ???
उसने उज़मा को बैठने का इशारा किया।
“आपने रिश्ते के लिए ताईजान को मना किया है.???
उज़मा बराबर में पड़े सोफे पर बैठते हुए पूछने लगी।
“अम्मी ने कहा होगा मुझे कनविंस करने के लिए”.??
उसने उज़मा के सवाल के जवाब में उलटा सवाल किया।
नही किसी ने नही कहा मुझे मैं तो सिर्फ कंफ्रम करने आई हूं कि वाक़ई में आपने मना किया है.???
" हाँ"!!!
"क्यों" .??
"क्योंकि मुझे ऑलरेडी कोई पसंद है" ।
"ओके!! आगे तो बस फिर कुछ पूछने की गुंजाइश ही नही है" ।
उज़मा मायूसी से कहती उठ गई।
"मेरी पसंद से मिल तो लो यार और कम से कम तुम तो यूं रिएक्ट ना करो तुम से तो मुझे सपोर्ट की उम्मीद थी" ।
उज़मा के रिएक़्शन पर उसे वाक़इ हैरत थी।
"जी मिल लूंगी अभी मुझे कुछ काम है बाद में आती हूं" !!
वह कह कर बाहर निकल गई।
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To Be Continued…….
© Afariya Faruqui
फनी स्टोरी राइटर