Pyara सा احساس(Part 8)

Part 8

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18 May '24
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               Pyara सा احساس

                     ( Part 8 ) 

आखिर वह दिन भी आ ही गया । 

आज मलीहा का उबटन था। और रिंग सेरेमनीं भी क्योंकि शाम को थी इसलिये सुबह से ही मेहमानों के आने जाने का सिलसिला शुरु हो गया था।

उसका कमरा शाम को काम आने वाले सामान से बुक था इसलिये सुबह से ही वह मलीहा के कमरे में घुसी हुई थी।

" क्या बात है भई..?" मलीहा का तो समझ में आता है लेकिन तुम क्यों मायूँ बैठ गई हो ,या फिर अभी से हम से परदेदारी शुरु कर दी है" ??

तानिया भाभी ( जाज़िब की भाभी) अन्दर आते हुए बोलीं। 

“नहीं भाभी ऐसी तो कोई बात नहीं है” !! 

उसने जबरदस्ती की मुस्कराहट अपने चेहरे पर सजाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रही थी।

"और तुमने अपना यह क्या हाल बना रखा है" ???

उन्होंने उसका ध्यान उसके कपड़ों की तरफ दिलाया। 

“क्या हुआ है ,ठीक तो हूँ” !! 

उसने एक लापरवाह सी नज़र अपने कपड़ों पर डाली थी। 

"क्या खाक ठीक हो ! और मुझे पता था कि तुम्हारा पार्लर जाने का भी कोई इरादा नही होगा इसलिऐ मैं ब्यूटिशियन को एडवांस में अपने साथ लेकर आई हूं "!!!

उन्होंने महीरा को बाहर जाने का इशारा किया और फिर उससे बातें करने लगीं। 

थोड़ी देर बाद महीरा एक लडकी के साथ अन्दर दाखिल हुई थी। 

बीस इक्कीस साल की वह नाजुक सी लड़की जिसने ब्लू जीस पर ब्लू डिजाइन वाली व्हाइट कुर्ती पहन रखी थी । साथ ही स्टेप कटिंग हुए सिलकी बालों की पोनी बनाये जीस के ही कलर के फ्लैट सेंडिल पहने मुस्कराती हुई महीरा के साथ अंदर दाखिल हुई थी।

" आओ किटस बैठो"!!! 

तानिया भाभी ने उसे कुर्सी पेश की तो वह मुस्कराकर थैंक्स कहती हुई बैठ गई। 

“सानि यह किटस है, हमारी छोटी सी माहिर ब्यूटिशियन नेबर और वलीद के फ्रेंड की बहन भी” !! 

तानिया भाभी ने मुस्कराकर उसे इन्टरोडयूस कराया तो वह भी जबरदस्ती मुस्करा दी। 

लेकिन भाभी इनका नाम कुछ "अजीब सा नहीं है”

महीरा को वह लड़की अच्छी लगी थी ।

"क्या ? किटस" !! 

"अरे नही! वह तो हम इसे प्यार से कहते हैं । इसका रियल नेम तो....किरतास इलाही है" । 

भाभी ने थोड़ा रुक कर मुस्कराते हुए किरतास को देखा जो अब थोडी झेंपी-झेंपी सी लग रही थी । मलीहा समेत सब मुस्करा उठे।

एक वह ही थी जिसकी सुई एक जगह ही अटक कर रह गई थी।

"कसम से तुम नां गुस्से में किरतास इलाही को भी मात दे जाती हो” !!! 

वलीद का जुमला उसके कानों में गूंज उठा। 

"अच्छा तो यह है वह किरतास इलाही जिसकी वजह से मुझमें कमियां निकाली जा रही थी"!!! 

उसने कड़वाहट से सोचा!

"हेलो! क्या सोचने लगीं "!!! 

भाभी नें उसके सामने हाथ हिलाया तो वह कुछ चौंक कर उन्हें देखने लगी । 

"चलो तुम फटाफट फ्रेश होकर आ जाओ उसके बाद किटस तुमहें तैयार कर देगी"  ।

भाभी उसे उठाते हुए बोलीं। 

" लेकिन भाभी अभी से???अभी तो सिर्फ सात ही बजे हैं"!!! 

उसने टाइम देखते हुए पूछा ! उसे वैसे भी यह मेकअप वगैरह से उलझन होती थी। 

"हाँ भई अभी से ,और फिर आठ बजे से तो सब मेहमान आना शुरू हो जाएंगे और फिर तैयार होने में भी तो टाइम लगेगा ना" !!! 

भाभी ने उसे समझाया फिर किटस की तरफ मुड़ते हुए बोलीं। 

"किटस मैं जा रही हूँ, क्योंकि मुझे घर जाकर भी देखना है,तुम वलीद के साथ आ जाना ओके" ?? 

भाभी मुस्कराते हुए बोली तो उसने भी जवाब में मुस्कराकर हाँ में सर हिला दिया।

वह नहा कर आई तो टॉवल से बाल सुखाने के बाद ड्रेसिंग मिरर के सामने बैठ गई।

"शुरू करें" ??? 

किटस नें उस्से हलके फुल्के लहजे में पूछा, तो उसने हाँ में सर हिला दिया।

To Be Continue ……. 

© Afariya Faruqui

 

Category:Entertainment



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Written by Afariya Faruqui

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