सत्य की समर्थक हैं कविता

कविता

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24 May '24
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अंतरमन गहराई का सागर से

निकले विचारों का मंथन 

साक्षात शब्दो की फूलमाला 

साकार रुप हैं “कविता ”

 

दिल से दिल को जोड़ने वाली 

हर युग में , हर युग की 

नई चेतना , नई दिशा हैं “कविता "

 

अंधकार भ्रम से दूर ,

यथार्थ के करीब 

सत्य की समर्थक 

है “कविता " 

 

शब्द सृजन कल्पना के पंख लगाकर

लय-ध्वनि को आकार -प्रकार देकर 

शब्दों का मेलजोल सांमजस्य बिठाकर 

कलात्मक भावनाओं का साहित्यकार 

जो पाठक की कल्पना भावनाओं को 

जगाने का प्रयास कर ,

करुणा - मानवता से ,

प्यार - स्नेह से ,

विश्वास - एहसास से ,

प्राकृतिक आनंद का 

स्त्रोत हैं “कविता " 

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स्व-रचित / मौलिक

राजू गजभिये (सीताराम)

 

 

 

 

 

 

 

Category:Poem



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Written by Raju Gajbhiye

Raju Gajbhiye