कविता_प्यार_वाली_1
यह प्यारा चांद है ना ! , और उससे छाई चांदनी ! ,
उससे प्यारी तु , तेरी नींद उससे भी प्यारी सुंदरी ! , ।।1।।
चांद , तारें , और यह काला आसमान ! ;
सुकून देने वाला प्रिए , खूब समृद्धिवान ! । ।।2।।
और मेरे साथ , मेरे हाथ में तेरा हाथ प्यारा ! ,
एक तो सोना मिले , उस पर भी सुहागा ! , ।।3।।
थोड़ा बगीचे में चलते है , बस थोड़ा ही सही ! ,
बाहें से बाहें पिरोये , अब गिर जाने का डर नहीं ! , ।।4।।
सुकून भरा हमारा संबंध और सुकून भरी रातें ! ;
सुख देती , तेरे होठों से निकली प्यारी बातें ! । ।।5।।
अहा दाता , इस कल्पना को , जल्द ही सच कर दो ! ;
दुखों से गिरी जिंदगी में , यह हसीन पल भर दो ! । ।।6।।
_Meet_J
मैं अहमदाबाद में diploma engineering करता हूं, मुझे कविता लिखने का शौक है!
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