पलायन वेग वह वेग है जिस प्रकार किसी वस्तु को
किसी वेग से ऊपर फेंका जाता है तो वह हमेशा
पृथ्वी पर ही आकर गिरती हैं
वैसे ही प्रेम में होता है प्रेम करते व्यक्ति को जब
उसके प्रेमी द्वारा तिरिस्कृत किया जाता है तब
वह अपने प्रेम की ओर ही जाता है
अन्यत्र कहि नही भटकता लेकिन
इसकी भी एक सीमा होती है
जिस प्रकार पृथ्वी से वस्तु को पलायन वेग से
फेंका जाएगा तो वस्तु पृथ्वी के वायुमंडल को छोड़कर
अंतरिक्ष मे कहि चली जाती हैं
उसी प्रकार यदि बार बार तिरस्कार ही मिलेगा तो
एक समय अंतराल के बाद वह व्यक्ति की
सहनशीलता की सीमा को पार कर जाता है और
व्यक्ति प्रेमी से दूर कहीं खुद में ही खो जाता है
फिर उसे वापस कितना भी लाना चाहो
उसका लौटकर आना असम्भव ही होता है ।
- फिजिक्स वाला प्यार ✍✍✍
हम हमेशा पृथ्वी के दो ध्रुवों की तरह रहे एक दूसरे से बिल्कुल विपरीत जो कभी मिल नही सकते पर उनका होना जरूरी है संतुलन के लिए कभी मांगा ही नही एक दूसरे को एक दूसरे से ना ही ईश्वर से अब वो ही जाने उसने क्यों हमें एक दूसरे के इतना समांतर रख दिया जो साथ चल तो सकते हैं पर हाथ थाम कर नहीं