क्या दे रहे हैं हम,
आने वाली नस्लों को?
विचार-विमर्श करिए,
इस यक्ष प्रश्न पर!
घुटन भरी साँसे,
जहर भरी हवाएं,
निरन्तर घटता जलस्तर,
सूखते दरिये-समुन्दर,
निरन्तर बढ़ता प्रदूषण,
बारूद भरी फिजाएं,
क्या यही होगी हमारी,
नौनिहालों को विरासत?
क्या दे रहे हैं हम,
आने वाली नस्लों को?
विचार-विमर्श करिए,
इस यक्ष प्रश्न पर!
भूलते हुए सँस्कार,
टूटते हुए घर-परिवार,
लगातार मरती संवेदनाएं,
अनावश्यक भौतिकवाद,
सच्चाई से कोसों दूर,
काल्पनिक डिजिटल संसार,
क्या यही होगी हमारी,
नौनिहालों को विरासत?.
©काफ़िर चंदौसवी
writer, poet and blogger