पर्यावरण संतुलन और आम जनजीवन पर डालता है अनोखा प्रभावित
"नौतपा" इस शब्द से पर्यावरण विद और ज्योतिष से जुड़े लोग तो भलीभांति परिचित होंगे लेकिन आम जन इससे ज्यादातर अपरिचित ही होगा, तो आइये आज हम आपको बता रहे हैं इस शब्द की महिमा।
ग्रीष्म ऋतू का एक पखवाडा ऐसा होता है जिसे नौतपा के नाम से जाना जाता है, इस पक्षवाड़े में कुछ ऐसी स्थितियां बनती है जो पर्यावरण संतुलन के साथ आम जन जीवन पर भी गहरा असर डालती हैं। अगर इस शब्द के महत्त्व को दो शब्दों में समझना हो तो विख्यात लोक पर्यावरण विद दीप सिंह भाटी के "दो मूसा, दो कातरा, दो कीड़ी, दो ताव। दो की यादी जल हरै, दो बिस्वर दो चाय।। को समझना होगा।
श्री भाटी कहते है की नौतपा के पहले दो दिन यदि लू न चले
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