फिर अदवय एक toon में बोलता है । “वो ! तो मैंडम दोस्त है जनाब की, वाह क्या बात है, हम तो कुछ है ही नही आप के लिए। उसके सामने ।”
तब शिवेश गुस्से में बोलता है । “ हा है। और तू न अपना दिमाग कम लगा ।”
तभी अदवय की नजर उसकी घड़ी पे पड़ती है । और वो अचानक से बोलता है । “अरे यार आज एक जरूरी मिटिग थी और मैं यही लेट हो गया चल बाय ।”
और फिर वहा से अपने ऑफिस के लिए निकल जाता है ।
इधर हमारी सूर्या भी अपना हुलिया सही कर के ऑफिस के लिए निकल जाती है ।
जब सूर्या ऑफिस पहोचती है । तो वहा गेट के बाहर ही अदवय दिख जाता है । जिससे सूर्या थोड़ा घबरा तो जाती है ।
लेकिन सूर्या तो सूर्या है । जबाब भी ऐसे देती है । की सामने वाले की बोलती बंद हो जाए । तो हां थोड़ी पोजेसिव है ।
लेकिन किसी की चलती नही है । सूर्या के सामने क्या मजाल की कोई उसे कुछ बोल के निकल ले वही सामने वाले की अवकात दिखा देती है ।
अदवय को देख के भी सूर्या वहा अदवय को अनदेखा कर देती है । और फिर ऑफिस के अंदर चली जाती है ।
थोड़ी देर बाद अदवय भी ऑफिस के अंदर चला जाता है । जैसे ही अदवय सूर्या के टेबल के पास पहुंचता है । तो सूर्या को बोलता है ।
"Miss भारद्वाज come in to my caibin" इतना बोल के अदवय अपने कैबिन में चला जाता है ।
सूर्या अदवय की बात सुनती तो है । लेकिन वो कैबिन में जाना नही चाहती है । लेकिन फिर थोड़ी देर बाद अपने ही अंदाज में सूर्या अदवय के कैबिन में चली जाती है ।
जैसे ही सूर्या अदवय के कैबिन में जाती है । तो अदवय सूर्या से बोलता है ।"मुझे पिछले दो दिन का सारा रिकॉड चाहिए । की क्या–क्या हुआ है । पिछले दो दिन में ok ।"
तब सूर्या बोलती है ।" Ok sir" इतना बोल के सूर्या वहा से चली जाती है ।
सूर्या अपने कैबिन से निकल के अपने टेबल पे आ जाती है । रिकॉर्ड फाइल तैयार करने लगती है । और धीरे–धीरे कुछ बड़बड़ाने लगती है ।
तभी वहा एक लड़की आती है । जिसने ब्लू कलर का शर्ट और व्हाइट कलर का जींस पैंट पहनी होती है । जैसे ही वो लड़की सूर्या के कंधे पर हाथ रखती है ।
सूर्या चिहकते हुए बोलती है ।"kon अरे ! तू किर्ति हां बोल n क्या हुआ ।" तभी वो लड़की सूर्या का हाथ पकड़ के रोने लगती है ।
तब फिर सूर्या पूछती है ।"क्या हुआ है ? पहले तुम शांत हो जाओ फिर मुझे बताओ बात क्या है ।"
तब वो लड़की बोलती है ।"यार मेरे भाई की त्बियत खराब हो गई है उसे ब्लड कैंसर हो गया है । अदवय सर बोलो न की वो कुछ पैसे दे दे मैं अपनी सैलरी से कटा दुगी ।"
तब सूर्या बोलती है ।" तू पहले शांत हो जा मैं बात करती ही अदवय से( i min ki अदवय सर से ) ।"
और फिर सूर्या अपनी रिकॉर्ड फाइल ले के अदवय के कैबिन चली जाती है । जैसे ही सूर्या अदवय के कैबिन में पहोचति है । तब सूर्या अदवय से बोलती है ।
" सर वो मुझे आप से कुछ बात करनी है ।" तब अदवय सूर्या से कड़क आवाज में बोलता है । “हा बोलो ।”
सूर्या थोड़ा सहमत हुऐ बोलती है । “स सर वो किर्ति को कुछ पैसों की जरूरत है । आप अभी दे देते तो अच्छा होता उसकी थोड़ी मदत हो जाती ।”
थोड़ी देर शांत होके अदवय बोलता है ।"उसे पैसे देने में मुझे क्या फायदा और तुम उसकी शिफारिस लेके आई हो । और हा जो काम तुम्हे अभी मैंने दिया था । वो हुआ । या सिर्फ दूसरो की मसीहा बनी फिरती हो ।"
फिर सूर्या बोलती है ।"हा सर हो गया "और सूर्या रिकॉर्ड फाइल अदवय के टेबल पे रख देती है । और फिर एक कदम पीछे आके सूर्या फिर से धीरे–धीरे कुछ भुनभुनाने लगती है ।
“अगर किर्ति को ये अद्वय सिंह सूर्यवंशी कुछ पैसे दे देगा तो क्या हो जायेगा हां, बस इस इंसान को अपने फाइदे का ही पडा रहता है ।”
तभी अदवय सूर्या को भुनभुनता देख के अदवय सूर्या से पूछ देता है ।"Hello miss bhardwaj, क्या हुआ , क्या बोल रही हो हां ।"
तब सूर्या हड़बड़ाते हुए बोलती है ।"न नहीं सर कुछ भी तो नहीं" और फिर सूर्या अदवय के कैबिन से बाहर निकल जाती है ।
जब सूर्या अचानक से अदवय के कैबिन से बाहर चली जाती है । तो अदवय सूर्या को भागता देख अदवय हल्की सी स्माइल देता है । और अपना सर इधर उधर हिलाने लगता है ।
और फिर अपने कामों में लग जाता है ।
इधर सूर्या भी भागते हुऐ अपने टेबल पे आ जाती है । तभी वहा किर्ति भी आ जाती है । किर्ति को देख के सूर्या अचानक से बोलती है ।"मैंने कहा तो है अदवय सर से "सूर्या आगे कुछ और बोलती उससे पहले किर्ति बोल देती है ।
“अरे रिलैक्स सूर्या अदवय सर ने पैसे दे दिए है । और हां मैं यहां तुम्हे thanks बोलने के लिए ही आई हूं यहां thank you so much ।”
तब सूर्या थोड़ा शॉक्ड होके किर्ति की तरफ देखती है । और हड़बड़ाते हुऐ फिर बोलती है ।" कब और कहा़ i min अदवय सर ने दिया ।"
तब किर्ति बोलती है ।"हां अदवय सर ने दिया और ये सब सिर्फ तुम्हारी वजह से ही हो पाया है । Thanks my Dear cute friend, आज तुम्हारी वजह से ही मेरा भाई सही सलामत है ।"
तब सूर्या बोलती है ।"नहीं यार तुम्हारा भाई मेरी वजह से नहीं बल्कि अदवय सर के वजह से ठीक हुआ है । क्यूकि पैसे तो अदवय सर ने ही दिया ना ।"
तब फिर किर्ति बोलती है ।"अच्छा बाबा ठीक है । तूझसे बातो में जीत पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है । चलो ठीक है । मैं अभी चलती हूं मुझे हॉस्पिटल भी जाना है ।"
फिर सूर्या बोलती है ।"हां ठीक और हां अपने भाई का ध्यान रखना और कोई भी जरूरत हो तो मुझे जरूर बता देना ok ।"
फिर किर्ति सूर्या को बाय बोल के वहा से चली जाती है ।
तब फिर सूर्या एक मीटिंग की फाइल लेके अदवय के कैबिन में जाती है ।
जब सूर्या अदवय के कैबिन में पहुंचती है । तो अदवय फोन से किसी से बात कर रहा होता है । इसीलिए अदवय का ध्यान सूर्या पे नही जाता है ।
तब सूर्या फाइल को अदवय के टेबल पे रख देती है । और फिर एक साइड में खड़ी हो जाती है ।
जब अदवय अपने फोन से फ्री होता है । तब वो सूर्या को वहा देखता है ।
सूर्या को वहा देख के अदवय एक daring smail करता है । और सूर्या के तरफ अपने कदम बड़ाने लगता है ।
To be continue
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