मनुष्य अवतार में इंसान को दुख से गुजरना ही होगा
ओर ये ही एक सच है
श्रीकृष्ण भगवान कहते है की इस मनुष्य अवतार में अगर सुख ही सुख हो तो कोई भी मनुष्य के लिए सही नहीं है क्यों की कुछ सीख ही नहीं पाएंगे जिंदगी में ।
इसीलिए दुख भगवान श्रीकृष्ण के जिंदगी में भी थे ,
जब श्रीकृष्ण जी का जन्म हुआ था तब माता देवकी और , पिता वासुदेव से अलग होना पड़ा था ,
मामा कंश श्रीकृष्ण जी के जान के पीछे पड़े थे
जिससे श्रीकृष्ण जी की परवरिश यशोदा माता ने की थी ,
श्री कृष्ण भगवान को माता यशोदा को भी छोड़ना पड़ा या तक द्वारका को भी छोड़ना पड़ा था ।
श्रीकृष्ण भगवान को राधा रानी से प्रेम था उनको भी छोड़ना पड़ा था , श्री कृष्ण भगवान ने रूपमणि के साथ शादी की
ओर बात करे राजा राम की तो राजा राम की जिंदगी भी कठिनाई से भरी थी
14 साल का वनवास हुआ था , यां तक सीता जी का हरण हुआ था,
, सीता जी से अलग होना पड़ा ,
अंत में सीताजी ने अग्नि में समा गई ,
इसीलिए तकलीफे , दुख भगवान के जिंदगी में भी थी ,
आज जो हम बोल रहे है की मेने किसी का बुरा नहीं किया तो मुझे दुखो से क्यों गुजरना पड़ रहा है ।
परम ईश्वर के दुख के सामने हमारा दुख कुछ भी नहीं है
ओर दूसरी बात कही लोगो के हाथ पाओ , , आखें , पैर ,
कुछ भी नहीं होता है , किसी के हाथ नहीं चलते तो किसी के हाथ ओर पैर दोनो नहीं चलते है
फिर भी वो लोग स्वीकारते है अपने दुख को , जिससे वो लोग अपनी जिंदगी में हम से कही गुना आगे बढ़ गए होते है और सुखी भी हम से कही गुना ज्यादा होते है ।
ओर हमारे पास , सारे अंग सुरक्षित होते है फिर भी , हम दुखी रहते है
क्यों की हम दुख को स्वीकार ही नहीं पाते है
इसीलिए यदि हम श्री कृष्ण जी और उन लोगो की तरह दुख को स्वीकार करे तो हमारी जिंदगी भी सरल और सहेज हो जाएगी ।
इसीलिए जब भी अपनी जिंदगी में दुख आए तो परात्मा से अपने दुख की शिकायत बिलकुल भी ना करे बल्कि धन्यवाद दे और मुझे सहन शक्ति दीजिए , जिससे में दुखो को स्वीकार कर सकू ।
दुख तो हर इंसान के जिंदगी में होते है , ओर दुख अगर ना आए जिंदगी में तब आप अपनी जिंदगी में कुछ भी सीख ही नहीं पाओगे ।
इसीलिए आज जिंदगी में दुख ही दुख है तो चिंता बिलकुल ना करे सब कुछ स्थाई नहीं है ,
दुख के बाद सुख और सुख के बाद दुख आता रहेगा और ये ही संसार का नियम है ।
तब कर्म अच्छे करे किसी का भी बुरा ना करे और ना ही सोचिए क्यों की कर्म आप के अच्छे होंगे तो जिंदगी भी आप की सुनहेरी ही होगी ।
जिस भी क्षेत्र में आप को रुचि है हमेशा कर्म करते रहिए
आप का भविष्य उज्ज्वल होगा और जो इंसान अच्छाई के रास्ते में चलता है , उन्हे कही दुखो से गुजरना पड़ता है क्यों की ये परीक्षा होती है , जिससे इंसान को तकलीफो , कही दुख, निंदा ओर अपमान से गुजरना पड़ता है लेकिन उसके बाद ही उनकी जिंदगी में सुख का आगमन होता है ।
ओर जो इंसान गलत रास्ते में चलता है उसकी परीक्षा नहीं दंड लिए जाते है
उनकी जिंदगी में दुख ही होता है जब की जो इंसान दूसरो का अच्छा करते है , उनके साथ ईश्वर स्वयं होते है , उन्हे जिंदगी में हारने नहीं देते है ।