जिन औरतों को बहलाया गया था दाम्पत्य में
पुरूषों द्वारा कहा ! "मैं हूँ ना" तुम आराम से घर की देखभाल करो बाहर की जिम्मादारी अब से मेरी ।"
“मैं नही चाहता कि तुमको उन सब चीजों से दो चार होना पड़े,जिसमें मैंनें बदसलूकी बत्तमीजी होते देखा है अन्य कर्मचारी महिलाओं के साथ”
"तुम मेरा परिवार सम्भालो मैं तुम्हारे सारे नखरे नाज़ सम्भालूंगा " !!
फिर एक दिन वह बीच रास्ते में तुम्हे अकेला छोड़ गया…
अब क्या हुआ ?? सब का सब धरा रह गया ना ???
रोती सिसकती आँसू पोंछती औरतें बितक रही हैं ब्यौंत,
लगा रही हैं जोर कहीं कोई काम मिल जाए साथी के अभाव में जिनके जीवनसाथी वादे कर गुजर गऐ बिछड़ गऐ बीच राह में..…
अब जुगत लगाया जा रहा अपनी ई-मेल आईडी ,पासवर्ड जानने का जो बरसों पहले पति ने फेसबुक आईडी बनाते समय बतलायी थी....जो अब मनःपटल से ओझल हो गई है थोड़ा- थोड़ा सा
कुछ औरतें जिन्हें पासवर्ड के नाम पर बच्चों,पति के नाम और जन्मतिथि से ज्यादा जिन्हें कभी न कुछ सूझा वो समझना चाह रहीं हैं अब बड़े जुगाड़
जो चैन से खायी जा सके दो वक्त की रोटी बाकी की बची ज़िन्दगी में !!
जिनके पतियों ने बचाया था जिन नज़रों से...…
"उसके सामने मत आया करो वो कुछ ठीक आदमी नहीं" !!
सुनो!! "उस रिश्तेदार से ज्यादा न बतियाया करो उसके बारे में लोग ऐसा वैसा कहते हैं".…
अब इन सबका सामना कर रही हैं वही औरतें जिनको सहेजा गया था कभी पलकों पर..…
ये दुनिया बड़ी संगदिल है और ईश्वर सिखाने को तत्पर
हर बार की तरह इस बार भी छली तुम ही जाओगी हे!प्रिये
जीवनसाथी की मुहब्बत में -- ईश्वर के प्रेम में !!
सुनो!! औरतों पलकों पर रहना कभी मत चुनना तुम
मत बनना सीप की मोती के जैसे
तुम पेड़ ही बनना, बेल जैसे बढ़ने की कोशिश न करना दुसरे के सहारे
जितना बढ़ना खुद के बल पर ही बढ़ना !!
अहम(मैं) से हम की ओर.......😊 #Save जल,जंगल,जमीन #सम्मान>समानता
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