लव विथ साइको

अकडू खडूस गुसैल अडवय सिंह सूर्यवंशी

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18 Jun '24
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तब सूर्या अभिषेक जी के कैबिन में चली गई !  वहा सूर्या की मुलाकात फिर से अदवय से हो गई  ।

दोनो एक–दूसरे को देख कर शॉक्ड हो गए थे , लेकिन वो दोनो अभिषेक जी के सामने कुछ बोल नहीं सकते थे  ।

वहा तो सब कुछ शांति से हो गया ! लेकिन जब अभिषेक जी एक मीटिंग के लिए वहा से बाहर चले गए ।

फिर दोनो एक–दूसरे को गुस्से में देखते हुए !    वहा से चला गया ! 

 और फिर अदवय भी  अपने कैबिन में चला गया !  और गुस्से से सूर्या को भी अपने कैबिन में बुलाया । 

   कैबिन में फिर दोनो एक–दूसरे से लड़ना सुरू कर दिए ! और तभी वहा अचानक से  अभिषेक जी का असिस्टेंट आ गया !

और अदवय और सूर्या को एक–दूसरे से लड़ता देख कर थोड़ा शॉक्ड हो गया था !  लेकिन वो वहा कुछ भी नही बोला ।

उसके देखते ही ये  दोनो एकदम से चुप हो। गए ।

तभी  वो अभिषेक जी का असिस्टेंट अदवय को मीटिंग की फाइल दिया ! और फिर वहा से मुस्कुराता हुआ चला गया ।

तब सूर्या भी वहा से जाने लगी ! लेकिन अदवय फिर से उसे वही रोक दिया ! और फिर फाइल मेंटेन करने के लिए बोला ।

अदव्य की बात को सुन कर सूर्या उसे गुस्से में घूरते हुए देख रही थी ।

फिर सूर्या  थोड़ी देर बाद टेबल के पास गई ! और फाइल टेबल से उठा ली ! और फिर उसे  पड़ने लगी ।

और जो भी करेक्सन उस फाइल में करना था ! वो करने लगी ।  लेकिन अदवय सूर्या को तो   परेशान करने का सोच रहा  था !  तभी अचानक से अदवय सूर्या को “कॉफी लाने को बोला  ।”

लेकिन सूर्या तुरंत गुस्से से बोली ! “ मैं तुम्हारी असिस्टेंट हूं ! नौकर नही जो की तुम्हारे लिए कॉफी बिस्किट लाऊ । ”

इतना सुनते अदवय गुस्से से लाल हो गया । और सूर्या की तरफ अपने कदमों को बड़ाने लगा । लेकिन सूर्या मीटिंग की फाइल को पड़ने में बिजी  थी । इस वक्त उसे कुछ और  नही दिख रहा था ! 

अदवय सूर्या के पास गया ! और  उसके हाथ को पकड़ के सूर्या को अपनी तरफ खींच लिया ।

और फिर अपना  एक हाथ सूर्या के  क़मर पे और फिर दूसरे हाथ से उसके हाथो को पकड़ लिया !

 और फिर  अदवय सूर्या को गुस्से से देखने लगा ! और फिर  अपने सख़्त होठों से सूर्या के नाजुक और पिंक होठों को कस के दबा दिया !  और फिर सक करने लगा ! 

अचानक से ऐसा होने के कारण सूर्या शॉक्ड हो गई थी !

 और उसकी दोनो आंखे खुली की खुली ही रह गई थी । 

लेकिन जब सूर्या होश में आई !  तो वो अदवय को अपने हाथो से दूर करने की कोशिश करने लगी ! लेकिन सूर्या अदवय को हिला भी नही पा ।

तब सूर्या अपना खुरापाती दिमाग लगाई । और अपने हिल्स सैंडल से अदवय के पैर पर जोर से मार दी । 

जब अदवय को चोट लगी ! तो वो सूर्या को छोड़ दिया !  सूर्या तो इस वक्त छूट  गई ! लेकिन अदवय का गुस्सा अभी भी  शांत नहीं हुआ था ।

तभी सूर्या अदवय के कैबिन से गुस्से में ही निकल गई । सूर्या थोड़ी घबराई हुई थी । की उसके साथ ये सब क्या हो रहा था ।

लेकिन अदवय को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था ! उसे गुस्से में कुछ भी नही दिख रहा था !  की वो क्या कर रहा था । लेकिन जब अदवय का गुस्सा ठंढा हुआ ! तो वो सूर्या के बारे में सोचने लगा । 

और उसे महसूस हुआ,  की जो कुछ भी वो कर रहा था ! क्या वो सही था ! या गलत ।

लेकिन फिर वो उसी अकड़ से। बोला !" सही हो या गलत ! उसे भी तो समझना चाहिए ! की मैं उसका बॉस हूं ! और उसे मेरी हर बात माननी होगी ।

अदवय ये सब सोच ही रहा था , की सूर्या फिर से अदवय के कैबिन में आ गई । और मीटिंग की फाइल टेबल पर ही रख दी !  

और फिर सूर्या अपनी नॉर्मल आवाज़ में ही  बोली !" सर आप की आज की मीटिंग की फाइल तैयार हो गई है । इतना ही बोल के वो  फिर वहा से जाने लगी ।

सूर्या को वहा से जाते देख अदवय ने तुरंत बोला ! " वो मैडम कहा चली !" अदवय की बात सुन कर , सूर्या  तुरंत ही गुस्से से बोली ! " मेरा जो काम था ! मैने कर दिया ।

"और अब मैं अपने घर जा रही हूं ! " सूर्या के ऐसा बोलने के कारण अदवय फिर से गुस्सा हो गया । और फिर गुस्से में ही  वहा से अपनी मीटिंग के लिए चला गया ।

इधर सूर्या भी अपना सारा काम कर के , अपने के लिए निकल गई  । 

उधर अदवय मीटिंग में पहुंच गया ! तो लेकिन अदवय अभी भी बहुत  गुस्से में ही था ! जिसके कारण वो मीटिंग में भी चिड़ा हुआ था  ।

और अभी भी उसका ध्यान सूर्या पे ही था ! और  सूर्या की कही हुई बातो पर ही था । और अदवय के आखों के सामने सूर्या का चेहरा बार–बार आ जा रहा था । 

जिसके कारण वो मीटिंग पर ध्यान नहीं दे पा रहा था । तभी वहा बैठे एक आदमी ने अदवय को बोला ! “ वॉट हेपन सर ।”

तब अदवय उस आदमी की तरफ देखते हुए बोला ! " नथिंग " इतना ही बोल के अदवय मीटिंग से उठ के चला गया  l 

इधर सूर्या जब अपने घर पहुंची ! तो उसकी मां ( सुमन जी) उससे पूछने लगी !" कि उसका पहला दिन ऑफिस में कैसा था ।

तब सूर्या सुमन जी से बस इतना ही बोली ! “ हां ठीक था ।”

इतना ही बोल के सूर्या अपने रूम के तरफ चली गई । 

वहा पर सूर्या से शैली मिली ! जो की सूर्या से पूछने लगी !" क्या हुआ ! तेरा मुंह क्यू लटका हुआ  है ! और हां तेरा ऑफिस में पहला दिन कैसा रहा  ।"

सूर्या कुछ बोलती उसे पहले फिर से शैली बोली ! “ तेरा बॉस कैसा है , बता न यार कुछ तो बोल  ।”

तभी सूर्या गुस्से से चिल्लाते हुए बोली !" तू मुझे कुछ बोलने देगी ! तब न मैं कुछ बताऊंगी !" तभी शैली एकदम से शांत हो गई !

तब सूर्या ने शैली को सब कुछ बताई !  जो कुछ  भी ऑफिस में हुआ था । और ये भी बताई !  कि उसका बॉस कोई और नहीं बल्कि वो खड़ूस अदवय सिंह सूर्यवंशी ही है । 

शैली सूर्या की बात सुन कर अचानक से बोली ! " क्या? कौन वो अकडू खडूस गुस्सैल अदवय सिंह सूर्यवंशी है ! " 

तब सूर्या अपनी दबी आवाज में बोली ! " हां, और आज फिर से उसने मुझे जबरदस्ती किस भी किया । 

सूर्या की बातो को सुन कर फिर से शैली ने चिल्लाते हुए बोली ! “ क्या ?”

“आज तूने ऐसा क्या कर दिया ! जो उसने फिर से तुम्हे किस कर दिया । ”

सूर्या मासूमियत के साथ बोली ! " यार मैंने कुछ नही किया, बस यही तो बोला था ! की मैं तुम्हारी असिस्टेंट हूं नौकर नही !" 

तब शैली फिर से सूर्या की तरफ देखते हुए बोली !" क्या बोला था ! उसने जो तूने ऐसे बोला ।"  तब सूर्या बोली ! “ उसने मुझे सूर्या को कॉफी लाने को बोला था ।”

शैली सूर्या की बाते सुन कर जोर –जोर से हसने लगी । और बोली ! " क्या ?यार तुम दोनो भी न अजीब हो एक तो जब भी मिलते हो ! एक–दूसरे से लड़ने लगते हो ।" 

“और वो पागल इंसान जब भी तुम्हे चुप कराना चाहता है !  तो तुम्हे किस कर लेता है । क्यूकी सायद वो जनता है ! की तुमसे जीत पाना पॉसिबल नहीं है । ”

 “इसीलिए ओ तुम्हे बार –बार किस कर देता है ।”

तब फिर से सूर्या गुस्साते हुए बोली !" ऐसा कुछ नही है ! तो  क्या? जो वो बोलेगा, वो करना पड़ेगा ।  है क्या ?   वो जो उसकी हर बात माननी पड़ेगी । 

शैली फिर से बोली ! “ माननी तो पड़ेगी उसकी बाते , क्यूकी वो अब बॉस है ,  तुम्हारा  ।”

तब सूर्या बोली !" मैं क्यू मानू उस खड़ूस की बात । और तुम्हें तो पता है ! न की सूर्या का जो मन करता है ! वो वही करती है सूर्या किसी का भी नही सुनती है।

क्या? सूर्या मानेगी अदवय की बात  या ऐसे ही उसे जवाब देती रहेगी।

  क्या होगा ! जब सूर्या और अदवय कॉलेज और ऑफिस दोनो जगहों पर होंगे साथ–साथ।

To be continued




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Written by Deepanjali Singh

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