जिंदगी मेरे विचारो के साथ

डायरी

ProfileImg
20 Jun '24
6 min read


image

ज़िंदगी... !!! जितनी जिंदगी है उतनी ही परेशानियां भी है और लोगों की जिंदगी उनकी अपनी सोच पर निर्भर करती है।

 जीवन में हर किसी की अपनी सोच और अपने नियम होते हैं। जिसके कारण कुछ लोगों को हम पसंद आत  है और कुछ लोगों को हाम पसंद नहीं  आते है।

 जो लोग हमारी तरह जीवन जीते हैं उन्हें हमारे विचार, हमारे नियम और हमारी जीवनशैली पसंद आती है। लेकिन कुछ लोग हमारी जिंदगी से दूर रहना पसंद करते हैं लेकिन अक्सर ऐसा होता है क  अगर किसी को हमारी जिंदगी से नफरत हो जाती है तो वह हमारी जिंदगी को ठुकरा भी सकते हैं ।

 लेकिन मेरा मानना है कि कभ  भी हमें किसी के लिए अपना रहन-सहन, अपना स्वभाव नहीं बदलना चाहिए।

  किसी को पसंद आने के लिए हमें उसके जैसा जीवन जीना चाहिए या अगर कोई हमसे नफरत करता है तो हमें अच्छा बनना चाहिए या अच्छा होने का दिखावा करना चाहिए..!! ?? नहीं …

 जिंदगी में ऐसा कुछ करने की जरूरत नहीं है।

यह आवश्यक नहीं है कि ईश्वर ने दूसरों को वही स्वभाव दिया है जो उसने हमें दिया है। तो जीवन शैली यही है कि उसमें जियो और छोटी-छोटी समस्याओं को सुलझाओ, वही सच्चा जीवन कहलाता है।

 “हां, एक बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि हम किसी को नाराज न करें...”

 ऐसा भी नहीं है कि एक बार बनाए गए नियमों का पालन करने से उनमें बदलाव नहीं आएगा। जीवन में कभी-कभी हमारे विचार गलत हो सकते हैं लेकिन याद रखें कि आपका बदलाव आपकी पसंद का होना चाहिए।

 अगर मैं अपना ही उदाहरण लूं तो मेरी जिंदगी में कई लोग आए और गए, कुछ अभी भी मेरे साथ हैं और आगे भी जा सकते हैं, कुछ नए आएंगे, उन सभी की जीवनशैली अलग-अलग है..!! हर कोई मुझे अपने लुक से नोटिस कर रहा है।

 कुछ को मेरे विचार पसंद आते हैं, कुछ को नहीं। अब इन सब के लिए मैं अपनी जिंदगी बदल देती हूँ, भले ही वह आदमी मेरी जिंदगी से चला गया हो??? और फिर अगर मेरी जिंदगी में आने वाले नए शख्स को मेरी पुरानी सोच वाली जीवनशैली पसंद आती है तो क्या मुझे फिर से अपने जीने का तरीका बदल लेना चाहिए..!!! ???

 आप अपनी राय से बतायें कि क्या ऐसा करना सही है...??? "जिंदगी में आऊं तो स्वागत, ना आऊं तो भीड़ कम..!!" मैं अपन  इसी उसूल के साथ जीती हु ।

 जो मिले उसका आनंद लो, भविष्य की चिंता किए बिना,क्योंकि कोई कितना भी करीबी क्यों न हो, मरने पर आप किसी को अपने साथ नहीं ले जा सकते।

 और “अतीत को भूल जाओ, भविष्य के बारे में सोचे बिना वर्तमान में जियो।”

 "यही आत्मसम्मान के साथ जीवन का नियम है।"हाँ, अगर हम थोड़ा सा अहंकार रखते हैं जो हमारे आत्मसम्मान के लिए आवश्यक है, तो इसमें बहुत कुछ है जो हमें स्वार्थ  और अहंकारी लगता है।

 लेकिन मेरा मानना है कि आपका सम्मान आपके नजरिए पर निर्भर करता है। अब अगर कोई भी चीज बिना मेहनत के आसानी से मिल जाए तो उसकी कोई कीमत नहीं होती।

इसलिए मैं अपने अहंकार को अधिक महत्व देती हूं। लेकिन दुनिया..!! उसे य  अहंकार लगत  है तो, इसलिए उसे अपने विचारों के साथ जीने दें।

 जिसके साथ चाहो रहो  दूर से नमस्ते और मेरे पास एक अजीब विचार है जो मैं आज आपके साथ साझा कर रहा हूं, कि मुझे प्रेम कहानी पढ़ना पसंद है, देखना पसंद है, सुनना पसंद है और हल करना पसंद है लेकिन अगर अगर मुझे प्यार कारने का मौका मिले तो में इनसे दूर रहन  चाहती हूं। 

 ऐसा इसलिए क्योंकि जो लोग "आई लव यू" कहकर अपनी लव लाइफ शुरू करन  उसस  अच्छा कोई "आई हेट यू" को प्यार में बदलकर मेरे साथ एक नया साफरशुरु करे , इसीलिए "मैं लव मैरिज से ज्यादा अरेंज मैरिज में विश्वास रखती हूं।" .

 हां, ऐसे आदमी के साथ रहना थोड़ा अजीब है जो हमसे नफरत करता है और अपनी नफरत को प्यार में बदल देता है। लेकिन यह हर किसी को पूरी तरह से गलत लग सकता है और यहां तक कि मुझे मेरे अजीबो-गरीब विचारों पर सलाह भी देता है इसलिए मैं अपने विचार अपने तक ही रखती हूं , मैं इसे किसी के सामने प्रस्तुत नहीं करती।

 शादी के बाद प्यार करना शादी के बाद प्यार से ज्यादा एक टास्क जैसा होता है और जिंदगी का मजा तभी है जब जिंदगी में कोई टास्क हो।

 कभी-कभी ऐसा लगता है कि हर कोई हमें समझता है, हर कोई सोचता है कि हमारा जीवन आसान है, लेकिन वास्तविकता कुछ और है।

 उदाहरण के लिए किसी प्रसिद्ध व्यक्ति को लीजिए, चाहे वह कोई भी हो, बाहर से, वह यही सोचेगा कि वाह..!!! जिंदगी क्या है, इतनी अच्छी मंजिल मिल गई तो दिक्कत क्या है? जिंदगी ऐसी ही है.. लेकिन अगर अतीत में जाओ तो इसकी मेहनत, इसकी परेशानियां.. बहुत कुछ बताती है लेकिन कोई नोट नहीं करता।

 यह मानव स्वभाव है कि वह केवल बाहरी चेहरे की रेखा को देखता है, आंतरिक आत्मा को नहीं।

 यदि अतीत में कोई समस्या नहीं है, तो वर्तमान और भविष्य में कुछ भी नहीं है। भले ही हमारे पास सब कुछ है,  जीवन में कोई रॉक टॉक नहीं है तो फिर  जीवन किसी भी तरफ से अधूरा है और हमें कभी भी अंत नहीं मिलेगा इसका। जिंदगी में कुछ न कुछ कमी रह जाती है, जिसे पाने के लिए इंसान जिंदगी भर दौड़ता रहता है।

कई लोग इस बात पर विश्वास करने के लिए अपने अनुभव का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कई लोग इस दुनिया को देखकर ही समझ जाते हैं, “दुनिया तो यही सिखाती है कि दुनिया से दूर रहो, साथ रहो लेकिन दूर-दूर रहो।”

 हां, इन सब में थोड़ा स्वार्थ है कि हम अपने हिसाब से जीते हैं लेकिन हमसे बड़ा कोई नहीं। इसलिए थोड़ा मतलबी होने में कोई बुराई नहीं है।

 और जितने ल गो को  हम गलत लगते हैं उतने ही लोगों को हम सही भी लगते है , तो हो गया ना ५० ५० ।

 तो थोड़ा अलग लेकिन अगर आप आगे की सोचेंगे तो जिंदगी आपको जिंदगी जैसी लगेगी और आप इसे पूरे दिल से जीना चाहेंगे ।

 कोई किसी के लिए कितना भी खास क्यों न हो, उसके बिना और उसके बिना आपकी जिंदगी नहीं रुकेंगी ! तो अगर कोई जिंदगी से चला भी जाए तो उसके साथ बस इतना ही लिखा होता है, अब होंगी जिंदगी की राह ये सोचकर बदलनी होगी कि फिर से अकेले जीना है, लेकिन हां, इन सब में अच्छाइयों को मत भूलना समय और अच्छी यात्रा।

 हर चीज़ के साथ जीना। खुल्ककर जिीना  । 

  • Dhruvi Patel kizzu 
Category:World



ProfileImg

Written by Dhruvi Domadiya

Author dhruvi patel kizzu

0 Followers

0 Following