अपनो के संग गुनगुनाते चलो

गजल

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23 Jun '24
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जीवन के पलों को लुभाते चलो 

     आस पास के लोगो को हंसाते चलो

कोई नहीं रहता है दुख में पास

      सुख से अपना जीवन बिताते चलो 

राहों में चाहे कितने ही कांटे आए 

      फिर भी जीवन में हमेशा मुस्कुराते चलो 

चाहे कोई रिश्ता निभाएं या ना निभाए 

  फिर भी तुम उसके साथ रिश्ता निभाते चलो

जिंदगी के हर एक नए मोड़ पर 

       अपनों के संग गुनगुनाते चलो

हर दिन जब नया सवेरा होता 

        तो उस सवेरे को चमकाते चलो 

बुजुर्गों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाकर 

       उनकी मुस्कान को छलकाते चलो 

बच्चों से लेकर अपने हर साथी संग

       "नेह" से हर पल को सजाते चलो

नेहा टेलर “नेह”

निवाई (टोंक) 

राजस्थान 

 

Category:Poem



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Written by Neha Tailor