आइए जाने प्राइड मंथ के बारे में

LGBTQ समुदाय का संक्षिप्त विवरण.

ProfileImg
17 May '24
3 min read


image

 

जून माह में तो बहुत सारे दिवस आते हैं।जैसे योग दिवस, पर्यावरण दिवस, राष्ट्रीय युवा दिवस आदि लेकिन प्राइड मंथ के बारे में कुछ लोग ही जानते हैं।प्राइड मंथ को 2000 में बिल क्लिंटन ने मान्यता दी थी।अभी इसे भारत में भी इसका आयोजन होता है।दिल्ली, भोपाल, मुंबई, देहरादून और कलकत्ता आदि जैसे महानगरों में इसका आयोजन होता है। इसमें कार्निवाल लगते है और परेड भी होती है।2017 में कलकत्ता में परेड के दौरान 17000 प्रतिभागी शामिल हुए।इनका झंडा बहुत रंगीन होता है।जिसका प्रत्येक रंग किसी न किसी का प्रतीक होता है।

 

गुलाबी रंग सेक्स का प्रतीक होता है।लाल रंग जिंदगी को तथा नारंगी रंग इलाज का प्रतीक है।पीला रंग सूरज की रोशनी,हरा रंग प्रकृति तथा फिरोजी रंग जादू और कला को इंगित करता है।

अब जानते है कि कौन सा समुदाय इसका आयोजन करता है और क्यों?

जो लोग अपनी लैंगिक पहचान को मुख्य धारा से अलग मानते है उनके समर्थन में इस दिन को मनाया जाता है।इस समुदाय में विशेष समुदाय हिजड़ा वर्ग भी शामिल है।

प्राइड मंथ का इतिहास _ 28 जून 1969 को न्यूयॉर्क में एक पुलिस अधिकारी ने समलैंगिक क्लब पर छापा मारा जिसके परिणाम स्वरूप आंदोलन शुरू हुआ।जिसमे कई नेता अश्वेत राष्ट्रपति और ट्रांस शामिल थे। ये लोग भी खुलकर जीना चाहते थे।उस हिंसक दिन की याद मे प्राइड मंथ मनाते हैं।यह मंथ LGBTQ समुदाय को समर्पित है।अब ये कौन सा समुदाय है आइए जानते है।

 

LGBTQ समुदाय का संक्षिप्त विवरण

यहां L का मतलब लेस्बियन होता है।जो उन महिलाओं के लिए उपयोग किया जाता है जो महिलाओं की ओर आकर्षित होती है।

यहां G का मतलब गे होता है। उन पुरुषों को के लिए उपयोग किया जाता है जो पुरुषों की ओर आकर्षित होते हैं।

यहां B का मतलब बाइसेक्सुअल होता है।इसने ऐसे व्यक्ति आते है जो अपने समान लिंग के अलावा सभी लिंगों के प्रति आकर्षित होते हैं।

यहां T का मतलब ट्रांस होता है।पैदा होने पर इनके प्राइवेट पार्ट पुरुषों या महिला जैसे होते हैं।पर जैसे जैसे ये बढ़ते हैं उनका रहन सहन उल्टा होता है।लड़की लड़के जैसे जीवन जीती है।इन्हे थर्ड जेंडर भी कहा जाता है।

अभी इस समुदाय में और समूहों को भी शामिल किया गया है।अब इसे lgbtqqip2saa कहा जाता है।जिसमे पहले q से क्वियर और दुसरे q से क्वेश्चनिंग कैटेगरीज में आते है।I से इंटरसेक्स और P se pansexual आते हैं 2s का मतलब दो स्पिरिट याने दो आत्माएं अर्थात जो अर्धनागेश्वर की संकल्पना को मानते है।पहले A se असेक्सुअल जिसे किसी में रुचि नहीं होती है।दूसरा A से एली याने जो लोग हेट्रोसेक्सुअल होते है।

धारा 377 के खिलाफ लड़ाई खत्म हो गई है।लेकिन LGBTQ समुदाय के लिए समान अधिकारों की लड़ाई अभी भी जारी है।सामाजिक स्वतंत्रता और बुनियादी अधिकारों के लिए यह समुदाय अभी भी संघर्ष कर रहा है।

अब हमारा कर्तव्य है कि इस समुदाय के प्रति जागरुकता लाय जिससे लोग उनके प्रति आदर करे भेदभाव ना करे।ये भी तो कुदरत की कृति है क्यों इसका उपहास करे।

मेरे विचार से विद्यालयों में यौन शिक्षा अनिवार्य करके इसमें जागरुकता लाई जा सकती है।आपकी क्या राय है। प्लीज मुझे कमेंट करके जरूर बताएं।

Category:Literature



ProfileImg

Written by Kashish Madhwani

0 Followers

0 Following