यह एक विशेष बात लगी कि हमें भारत पर लेख लिखने का विषय मिला, चूंकि यह एक नाम देश का भी नाम है अतः सम्पूर्ण विश्व ही सिर्फ एक ही मुख्य बिंदु पर टकटकी लगाए बैठे हैं कि यहां ऐसे समुचित विषय है जों अमूल्य है। अनेकों बार चारों ओर के इतिहास में चोट खायें यहां के
सिपाहियों ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिये ।कई प्रकार से अव्यवस्थित रहने पर भी विश्व में सबसे ज्यादा सम्मान यदि आप पायेंगे तों वह यही है।
यहां विभिन्न विषयों एवं रंगों का समावेश होता आया है, विविधिकरण के किस्से प्रचलित है जों सिर्फ यही है।अनेक अनमोल नियामतें भी,संरक्षित है। अनेकों तीज़ एवं त्यौहार पर खुशियां मनाते हैं।
शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, वायु,परिवहन में भी यह एक नाम आगे है, चाहें कितनी भी बेबसी हों जाये किंतु यहां के नर वा युवा पीढ़ी सदैव सकारात्मक सोच से आगे बढ़ते हैं ।
कुछ ऐसे भी तथ्य है जों जीना मुश्किल कर देते हैं किंतु
इतना सुन्दर गणतंत्र है कि रोकें ना रूके।
यही नहीं बहुत सी झलक ही ऐसी है कि जैसे एजनता एलोरा, कोणार्क सूर्य मंदिर, गुजरात ट्यूरिज्म,पतनीपटाप, भाड़ स्टेशन, भेड़ाघाट जबलपुर, चित्रकूट धाम, अजमेर शरीफ,और भी अन्य क़िले में बहुत ही रोमांचक स्थल एवं रमणीय स्थल है।
दूरदर्शन का अति उत्तम महत्त्व हैऔर इससे भी ज्यादा एफ एम रेडिओ का विस्तार का वर्णन भी मिलता है।
आगरा, मथुरा, वृन्दावन में मध्यप्रदेश, में, जयपुर, हवा महल यही तों शोभा एवं शोधकर्ताओं द्वारा संचालित मिशन में नाम कमा रहे हैं।
दर्शन योग्य में नित नित राम लला के दर्शन, बांके बिहारी मंदिर,वा अन्य मन्दिरों से अनेक ऐतिहासिक महत्व का वर्णन मिलता है।
भारत अपने आप में अनोखा है।
साहित्य अकादमी, फिल्म उधोग में सारे जगत में डंका बजाया जाता रहा है
अर्थ, धर्म काम और मोक्ष यही महत्वपूर्ण है यही नहीं नभ,थल, वायु, एवं रत्नों के अचूक सम्पदा होने से
यहीं की कण कण में माटी सदृश अवयव है जों कि भारत पर परिचर्चा, परिक्रमा करते रहते हैं।
मूल बात केवल ज्ञानी हीं अवगत कराते हैं हम तों केवल ,
नन्ही सी बात मे भारत कों भारत कहतीं हूं,
यहा पर समय समय पर बदलाव किया जाता है ।
उसके फलस्वरूप हमें अनेक अनमोल ज्ञान प्राप्त हुआ ।
अब तों डिजिटल मीडिया में भी अग्रणी हों रहे हैं ।
एक नज़र में भारत केवल वह रिती जों भा जायें वही भारत है।
धन्यवाद
नीलम द्विवेदी नील
प्रयागराज
उत्तर प्रदेश