हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में फिर से एकाएक आतंकी घटनाओं में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. पिछले कुछ दिनों में आतंकियों द्वारा कई घटनाओं को अंजाम दिया गया है. केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति के बाद से इन आतंकी घटनाओं में काफी कमी आई थी. इस कारण पिछले काफी समय से जम्मू-कश्मीर में शांति का माहौल बना हुआ था. आर्टिकल 370 के हटने के बाद से घाटी में निरंतर चैन-अमन बहाल हो रहा था, लेकिन इन घटनाओं ने फिर से माहौल ख़राब करने की कोशिश की है.
हाल ही में देश में हुए आम चुनावों के बाद बने माहौल को इसके पीछे की बड़ी वजह माना जा रहा है. आतंकियों और उनके आकाओं की बौखलाहट घाटी में बढ़े हुए मतदान प्रतिशत के कारण और भी बढ़ गई है. घाटी के लोगों के लोकतंत्र के प्रति निरंतर बढ़ते रुझान को देखते हुए उनके मन में बेचैनी का माहौल है. इसके अलावा शायद इन आतंकियों के आका पाकिस्तान को ये ग़लतफ़हमी हो गई होगी कि भारत में बनी नई एनडीए सरकार पिछली एनडीए सरकारों की तुलना में कमजोर है, इसलिए भी वो ऐसा दुस्साहस कर रहा है.
खैर इसकी वजह जो भी हो, हमारे सुरक्षा बलों और सरकार को और भी ज्यादा सख्ती बरतते हुए इन आतंकियों और उनके आकाओं के खिलाफ कठोर कारवाई करनी पड़ेगी. साथ ही इन आतंकियों के पनाहगारों को भी पकड़ना होगा, जिनकी मदद से इन आतंकियों का हौसला बढ़ता है और वो इन कायराना घटनाओं को अंजाम देने के बाद भाग निकलने में भी सफल होते हैं. इन आतंकियों पर कारवाई इसलिए भी आवश्यक है, जिससे घाटी में आतंकवाद का नाग फिर से अपना फन न उठा सके. फिर चाहें इसके लिए एक बार और सीमा पार जाकर कारवाई क्यों न करनी पड़े.
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