आज क्रिकेट दुनिया के लोकप्रिय खेलों में शुमार है. इस समय इसकी गिनती दुनिया के सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले खेलों में होती है. लेकिन अपनी कुछ जटिलताओं के कारण ये लम्बे समय तक केवल कुछ देशों तक ही सीमित रहा था. क्योंकि खेल की लम्बाई और विशेष तरह के पिच-मैदानों की आवश्यकता जैसी ये जटिलताएँ इसके दुनियाभर में विस्तार की राह में बाधा बनती रहीं. क्योंकि क्रिकेट एक लम्बे समय अंतराल वाला खेल है. साथ ही इसको खेलने के लिए विशेष रूप से तैयार की गई पिचों और मैदानों की आवश्यकता होती है.
क्रिकेट की इन जटिलताओं को ध्यान में रखकर कुछ सुधार किए गए है और इनमें से कुछ जटिलताओं को कम किया गया है. आधुनिक क्रिकेट के छोटे प्रारूपों ने इसके खेले जाने की समय सीमा को कम किया है. साथ ही ड्राप इन पिचों की तकनीक ने इस खेल की एक और बड़ी जटिलता को कम किया है. इन सुधारों के बाद से धीरे-धीरे इस खेल का अब तेजी से विस्तार होने लगा है.
क्रिकेट अब केवल पूर्ण कालीन 8-10 सदस्य देशों और कुछ एसोसिएट देशों तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि दुनिया के सभी भागों में इसकी पहुँच बड़ी है. अब इसने अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ़्रांस और चीन जैसे देशों तक भी अपने पांव पसार लिए हैं. यदि इसका विस्तार इसी तरह जारी रहा, तो आने वाले समय में दुनिया का कोई कोना इससे अछूता नहीं रहेगा.
एशिया की अगर बात करें तो ये खेल एशिया में लम्बे समय से लोकप्रिय खेलों में शामिल था, लेकिन पहले ये खेल भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश तक ही सीमित था, लेकिन अब इसने एशिया खासकर दक्षिण एशिया के बाकी देशों में भी अपनी पकड़ बना ली है. पिछले कुछ समय में अफगानिस्तान और नेपाल एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरे हैं.
क्रिकेट की बढती लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले इसकी राष्ट्रमंडल खेलों में वापसी हुई, इसके बाद इसे पिछले एशियाई खेलों का भी हिस्सा बनाया गया. अब अगले ओलम्पिक खेलों (2028) में भी इसकी लम्बे अन्तराल के बाद होगी. जिससे ये साबित होता है कि दुनिया अब क्रिकेट का लोहा मानते हुए इसे स्वीकार करने लगी है.
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