कला की शिक्षा हमारे रचनात्मकत, आलोचनात्मक सोच, सहानुभूति और अन्य कौशल विकसित करने में मदद कर सकती है। छात्रा अपनी कला का प्रदसन कर गणित, विज्ञान और भाषा कला मे अकादमिक प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं। पढ़ाई के साथ-साथ कला भी बहुत जरूरी है। कला के भी कई प्रकार है जैसे - चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, नृत्य, अभिनय । जो व्यक्ति कला का अभ्यास या प्रदर्शन करता है उसे कलाकार कहते हैं। कभी आपने यह सोचा है कि यादि हमारे जीवन मे कला ना हो तो कैसी होगा हमारा जीवन है। कला के बिना हमारा विश्व सौंदर्य, रचनात्मकता और मानवीय अभिव्यक्ति से रहित होगा। कला के बिना दुनिया उदास और उबाऊ जगह होगी। जैसे संगीत एक प्रकार कि ता है यदि ये हमारे जीवन में नहीं कला होता तो दुनिया काफ़ी बेरंग और अव्यता सा होता। हर एक जगह सगीत है जैसे चिड़ियों की छह छहआहत में, चुरियों कि एन-एन में और हर जगह । यदि संगीत ना होता तो बेहतरीन गायक, गीतकार, गजल, ठुमरी ये सब ना होता । वैसे ही अभिनय भी एक बेहतरीन कला है। आपने कभी यह सोचा है कि यदि अभिनय हमारे जीवन मे ना होता तो कैसी होती ये दुनिया ? इस दुनिया में अभिनेता और अभिनेत्री भी नही होते और हम सब फिल्मों से वंचित रह जाते । इसलिए कला काफी महत्वपूर्ण हैं और हमे इसकी महत्वपूर्णता को समझना चाहिए।
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