जब मैं रहूँ ना रहूँ इस जहाँ में,
मेरी यादें तुम्हारे दिल में बसें।
वो हँसी के पल, वो मिलन की रातें,
वो बातें जो हमने की थीं, सारी बातें।
जब हवाएँ चलेंगी, मेरा नाम लाएंगी,
फूलों की खुशबू में, मेरी महक छिपाएंगी।
तुम्हारी आँखों में जो सपने सजाए थे,
वो सारे रंग, मेरे प्यार के साए थे।
हर सुबह की किरण में, मेरी हँसी सुनोगे,
हर शाम की छाँव में, मेरी गोदी पाओगे।
जब सितारे झिलमिलाएंगे रात के आसमां में,
मेरी बातें गूँजेंगी तुम्हारे ख्यालों की राह में।
तुम जो भी करोगे, मेरी यादें संग होंगी,
सपनों के हर रंग में, मेरी तस्वीर जगमगाएगी।
मैं रहूँ ना रहूँ, मेरी बातें सजीव होंगी,
तुम्हारे दिल की धड़कन में, मेरी धड़कनें बसेंगी।
(Raghuvir Singh Panwar )
लेखक सम्पादत साप्ताहिक समाचार थीम