एक बाप जो गलती करने पर अपने बेटों को गाली देता हुआ मार भी देता है, पर जवान होती बेटी को तो घूर कर भी नहीं देखता, उसे बेटी से क्या चाहिए, बस बेटी इज्जत के साथ घर से विदा हो, वही बेटी जब बाप के मुंह पर कालिख पोत कर भाग जाती हे, तो उसके बाप का नारी जाति के हर रिश्ते से भरोसा उठ जाता है इसीलिए आज भी ऐसे बाप को क्रूर कहा जाता है जो एक बार के अपनी बेटी के धोखे से कुपित होकर सारी बेटियो के पढ़ाई के सपनो को कुचल देता है बेटियां जो अपने घर की दी हुई आजादी का गलत फायदा उठाती है उनके एक गलत कदम से बाप का सर अपने समाज के अलावा रिश्तेदार के सामने भी हमेशा झुका ही रहता है उसे हर तरफ से सिर्फ अपनी ओर उठती उंगलियां ही दिखाई देती हैं उस बाप का दर्द ये घटिया कानून नही समाझता
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