भगोड़िया

भाई की नज़र से

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14 Jun '24
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जिस भाई ने अपनी बहन को अपने सामने बड़ा होते देखा हो  उसके साथ खेला हो उसके नखरे उठाए हो आज उसी भाई को बार बार अपनी सूनी कलाई देखना पढ़ रही है सूनी कलाई  को देखते हुए बार बार आंखों में आसू आने लगाते है जो दूसरो को दिखा भी नही सकता। जिस भाई ने हमेशा अपनी रोती बहन को अपना कंधा दिया हो आज बही बहन उसके कंधो को तोड़ गई आज हर हंसता हुआ चेहरा उसे अपना दुश्मन दिखाई दे रहा है ऐसा लग रहा है जैसे लोगो की चुप्पी मैं भी ताने हो,,,, क्या जवाब दे लोगो की बातो का लडका पसंद का था सगाई  हो ही चुकी थी फिर क्यो भागी यहीं प्रश्न बार बार उसके दिमाग मैं घूम रहा था पर उसके प्रश्न का उत्तर किसी के पास नहीं था आखिर वो बालिग थी सिर्फ उससे प्रश्न पूछने का अधिकार तो उसे पैदा करने वाले को भी नहीं था फिर बो तो सिर्फ भाई था 

Category:Personal Experience



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Written by Abhishek ancor Jain