सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इक़वाल की शादी जोरों पर है. बॉलीवुड सो कोल्ड लिबरल, धर्म गुरु और समाज का हर वर्ग हर स्तर पर अपनी अपनी राय सोशल मीडिया और मीडिया के सामने रख रहा है और रखना भी चाहिए क्योंकि यह उसका संवैधानिक अधिकार है साथ ही यह व्यक्ति की संवेदनशीलता और जागरूकता भी हैं समाज और इंसानों के प्रति, कि जो घटित हो रहा है उस पर अपनी प्रतिक्रिया दे l
भारत एक लोकतान्त्रिक देश है संविधान व्यक्ति को व्यक्तिगत स्वतंत्रता देता है और विवाह व्यक्तिगत विषय है.व्यक्ति अपनी इच्छा से शादी करने के लिए स्वतंत्र हैं.
वर्तमान मे स्वतंत्रता के बहाने बहुत कुछ हो रहा है. जो न तो भविष्य के लिए सही है और न व्यक्तियों के लिए और न समाज के लिए, स्वतंत्रता का उपयोग सिर्फ और सिर्फ भावुकता को भुनाने और तात्कालिक उदेश्य पूर्ति के लिए हो रहा है और लोग किसी और नाम से नहीं कर सकते है. इसलिए स्वतंत्रता का बस सहारा लिया जा रहा हैं
बॉलीवुड मे तो इस तरह के विवाह को उचित नहीं कह सकते क्योंकि बॉलीवुड मे तो विवाह के नाम पर स्थाई कुछ नहीं है जैसे सैफ अली खान, ऋतिव्क रोशन, अरबाज खान, संजय दत्त, सलीम खान, और भी बहुत से नाम है. इन दोनों के लिए बस प्रार्थना की जा सकती